बेंगलुरु, सितंबर 26 -- कर्नाटक के सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण (जाति जनगणना) में ईसाई नामकरण को लेकर जारी विवाद के बीच, बेंगलुरु के आर्चबिशप पीटर मचाडो ने शुक्रवार को राज्य सरकार से सभी ईसाई समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

उन्होंने सभी बिशप, पास्टर और समुदाय के नेताओं की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुये चेतावनी दी कि ईसाइयों के अपनी मूल जाति को छोड़ने या गलत वर्गीकरण करने से ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे समूहों को कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच से वंचित किया जा सकता है और सामाजिक अन्याय को बढ़ावा मिल सकता है।

22 सितंबर से सात अक्टूबर तक चलने वाली इस जनगणना का स्वागत करते हुए, आर्च-डायोसिस ने सरकारी कल्याणकारी नीतियों के सही हकदारों की पहचान करने और समावेशी, आवश्यकता-आधारित नीति-निर्माण को सक्षम बनाने में इसके महत्व पर जोर दिया। आर्चबिशप मचाडो ने कहा कि यह सर्वेक्षण असमानताओं को दूर करने और हाशिए पर रहे समुदायों को उनके उचित लाभ सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।

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