लखनऊ , अक्टूबर 10 -- छात्राओं से टॉयलेट साफ कराने के गंभीर आरोपों में घिरी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन सुधा यादव को आखिरकार बर्खास्त कर दिया गया। लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी की तरफ से यह कार्रवाई बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश के प्रस्ताव के आधार पर की गई है। साथ ही विद्यालय में नई वार्डन और शिक्षिकाओं की तैनाती को भी हरी झंडी दी गई है।
एक दिन पूर्व गुरुवार को बीएसए ने वार्डन की बर्खास्तगी की फाइल जिलाधिकारी के सामने पेश की थी। इससे पहले वार्डन सुधा यादव ने अपना पक्ष लिखित में रखा था, लेकिन बीएसए की रिपोर्ट में उनके जवाब असंतोषजनक पाया गया। जिसके बाद डीएम ने अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति ज्योति गौतम की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय जांच कमेटी (एडीएम, एसीएम शिप्रा पाल और एआर कोऑपरेटिव वैशाली सिंह) की रिपोर्ट का संज्ञान लिया।
कमेटी ने 43 छात्राओं के बयान और सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में छात्राओं के आरोपों को सही ठहराया। छात्राओं ने बताया कि वार्डन उनसे टॉयलेट साफ करवाती थीं, हॉस्टल और स्कूल में झाड़ू-पोंछा लगवाती थीं। विरोध करने पर मारपीट और धमकी दी जाती थी कि शिकायत करने पर स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
डीएम के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने वार्डन सुधा यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, खुजौली स्थित अपर प्राइमरी स्कूल की दो शिक्षिकाओं को तत्काल प्रभाव से कस्तूरबा विद्यालय में तैनात किया गया है, ताकि छात्राओं की पढ़ाई और हॉस्टल संचालन पर असर न पड़े।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित