नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में 16 दिसंबर को एक और गिरफ्तारी की है।
ईडी के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार सौम्या चौरसिया को रायपुर की एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया जहां से उसे तीन दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज प्राथमिकी पर जांच शुरू की है। पुलिस की जांच से पता चला कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अपराधों के माध्यम से लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय उत्पन्न हुई।
ईडी की जांच में पता चला कि सौम्या को लगभग 115.5 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त हुई थी। ईडी की जांच में डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त सामग्री और लिखित बयानों के रूप में जुटाए गए सबूतों से यह साबित हुआ कि सौम्या शराब गिरोह की सक्रिय सहयोगी थी।डिजिटल साक्ष्य से पुष्टि हुई कि वह अनिल टूटेजा और चैतन्य बघेल सहित शराब गिरोह के प्रमुख सदस्यों के बीच केंद्रीय समन्वयकर्ता एवं मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थी तथा अवैध धन के सृजन एवं धनशोधन में सुविधा प्रदान कर रही थी। बरामद चैट से यह भी पता चला कि वह गिरोह के प्रारंभिक संगठन में शामिल थी जिसमें अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास को आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने में सहायता करना भी शामिल था।
इससे पहले ईडी ने संबंधित मामले में अनिल टूटेजा (पूर्व आईएएस); अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस), कवासी लखमा (छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री) और चैतन्य बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र) को गिरफ्तार किया गया है।
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