रायपुर , दिसंबर 23 -- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश का विकास मॉडल निवेश, रोजगार और कौशल के समन्वय पर आधारित है। श्री साय आज यहां एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्किल टेक जैसे मंचों के माध्यम से राज्य निवेशकों के विश्वास को ठोस परिणामों में बदल रहा है, जिससे युवाओं के लिए स्थायी और गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को कौशल विकास से जोड़ते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। कौशल विकास विभाग एवं वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 23 दिसंबर को आयोजित छत्तीसगढ़ स्किल टेक कार्यक्रम के माध्यम से राज्य को 13,690 करोड़ रुपये से अधिक के कौशल-आधारित निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों से प्रदेश में 12,000 से अधिक रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है।
यह उद्योग-केंद्रित निवेश कार्यक्रम प्रधानमंत्री सेतु योजना (पीएम सेतु) के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य कौशल विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और निवेश को रोजगार से सीधे जोड़ना है। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न निवेश प्रस्तावों पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए तथा निवेश आमंत्रण पत्र जारी किए गए।
छत्तीसगढ़ स्किल टेक में प्राप्त निवेश प्रस्तावों में गेल का गैस-आधारित उर्वरक संयंत्र राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक प्रस्तावों में शामिल रहा। लगभग 10,500 करोड़ रुपये के प्रथम चरण निवेश और 1.27 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष यूरिया उत्पादन क्षमता के साथ यह परियोजना छत्तीसगढ़ को डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल एवं उर्वरक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगी।
यह परियोजना गेल की मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन से जुड़ी होगी। प्रस्तावित संयंत्र राजनांदगांव जिले के बिजेतला क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थापित किया जाएगा, जबकि 100 एकड़ भूमि पर आवासीय टाउनशिप विकसित करने का प्रावधान है। परियोजना के संचालन में आने पर लगभग 3,500 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है, साथ ही तकनीकी सेवाओं, लॉजिस्टिक्स और मेंटेनेंस क्षेत्रों में भी कुशल मानव संसाधन की मांग बढ़ेगी।
गेल के अलावा परिधान एवं वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पैनल निर्माण सहित अन्य उभरते क्षेत्रों में भी निवेशकों की मजबूत रुचि देखने को मिली। ये सभी क्षेत्र राज्य की कौशल विकास प्राथमिकताओं और रोजगार सृजन लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
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