नयी दिल्ली, सितंबर 28 -- चुनाव आयोग ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों और सात अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनावों के लिये 470 अधिकारियों को केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है।

चुनाव आयोग की रविवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इन अधिकारियों में 320 आईएएस,60 आईपीएस तथा 90 आईआरएस, आईआरएएस और आईसीएएस के अधिकारी हैं जो इस समय विभिन्न राज्यों में कार्यरत हैं। ये पर्यवेक्षक बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा आम चुनावों और अन्य राज्यों में होने वाले उपचुनावों के दौरान सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक की भूमिका निभायेंगे।

चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 द्वारा प्रदत्त पूर्ण शक्तियों और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत किसी निर्वाचन क्षेत्र में चुनावों के संचालन पर नज़र रखने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती करता है। ये पर्यवेक्षक अपनी नियुक्ति से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक आयोग के अधीक्षण, नियंत्रण और अनुशासन के अधीन कार्य करते हैं।

इन पर्यवेक्षकों को चुनावों की निष्पक्षता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित कराने के लिए महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है। ये पर्यवेक्षक चुनाव आयोग के लिए आंख और कान की तरह काम करते हैं और समय-समय पर और आवश्यकतानुसार आयोग को रिपोर्ट करते हैं। ये पर्यवेक्षक स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के साथ ही मतदाताओं में जागरूकता और चुनावों में भागीदारी बढ़ाने में भी योगदान देते हैं। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में सुधार की पहचान करना और ठोस एवं क्रियाशील सुझाव तैयार करना है। पर्यवेक्षक के रूप में तैनात ये अधिकारी चुनाव के दौरान सीधे चुनाव आयोग के नियंत्रण में कार्य करते हैं और इनकी नियुक्ति चुनावी प्रकिया पूरी होने तक की जाती है।

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