वलसाड , नवंबर 28 -- गुजरात में वलसाड जिले के आदिजाति बहुल क्षेत्र धरमपुर में राज्य सरकार के तीन दिवसीय बारहवें चिंतन शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को विकसित गुजरात के लिए क्षमता निर्माण, पोषण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा एवं पर्यावरण, सार्वजनिक सुरक्षा एवं सेवा क्षेत्र में गुजरातको 2047 तक और सुदृढ़ बनाकर विकसित भारतएट2047 के लिए अग्रसर रखने का सामूहिक मंथन हुआ।

सूत्रों ने बताया कि इस चिंतन शिविर के दूसरे दिन पहले सत्र के ग्रुप डिस्कशन्स में विकसित गुजरात के लिए क्षमता निर्माण तथा व्यक्तिगत कामकाज मूल्यांकन, संवर्गों के पुनर्गठन तथा निरंतर प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करने जैसे विषयों पर आयोजित चर्चा सत्रों में विकसित गुजरातएट2047 के लिए गुजरात की स्थापना के 2035 में मनाये जाने वाले 75वें स्थापना दिवस तक के पिछले एक दशक में क्षमता निर्माण से राज्य को मानव संसाधन विकास और वर्कफोर्स की कैपेसिटी बिल्डिंग के प्लेटफॉर्म प्रदान कर भविष्योन्मुखी टेक्नोलॉजी से सज्ज मानव बल तैयार करने की दिशा में चिंतन किया।

पोषण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चर्चा सत्र में सहभागियों ने राज्य में माता मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर, एनीमिया एवं पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में वेस्टिंग, अंडरवेट तथा स्टंटिंग में राज्य की स्थिति और केद्र राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ ऐसे प्रभावितों को देकर उनकी पोषण स्थिति सुधारने के लिए ढांचागत सुविधाओं का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण, टेक्नोलॉजी आधारित सुधारों, महत्वूर्ण सूचकांकों पर फोकस करने जैसे जन सुख-समृद्धि को छूने वाले विषयों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2070 तक नेट जीरो तथा 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फोसिल ऊर्जा के उयोग सहित मिशन लाइफ तथा एक पेड़ मां के नाम जैसे पर्यावरणोन्मुखी विचार दिये हैं। हरित ऊर्जा तथा पर्यावरण में ग्रीन पावर के उपयोग सत्र में उनके विचारों को अधिक से अधिक ग्रीन एनर्जी के उत्पादन तथा उपयोग एवं गवर्नेंस में ग्रीन एनर्जी से पर्यावरण संरक्षण की मौजूदा कार्ययोजना तथा ऊर्जा आत्मनिर्भरता एवं विश्वसनीयता तथा क्लाइमेट चेंज के प्रभावों, सर्कुलर इकनॉमी पर गहन चिंतन-मंथन किया गया।

शिविर में आयोजित सार्वजिक सुरक्षा (पब्लिक सेफ्टी) के चर्चा सत्र में सड़कों, पुलों, सरकारी भवनों जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर में नागरिक सुरक्षा के लिए कार्यक्षम तथा विश्वसनीय स्ट्रक्चर्स, जलापूर्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीवेज व्यवस्था की पुनर्स्थापना, फायर सेफ्टी तथा इमर्जेंसी सर्विसेज जैसे लोगों को व्यापक रूप से स्पर्श करने वाले विषयों में टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन, ट्रांसपरेंसी, कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी, जागृति अभियान जैसे आयोजनों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्योन्मुखी आयोजनों के संबंध में ग्रुप डिस्कशन किया गया।

सेवा क्षेत्र की वृद्धि एवं विविधीकरण से जुड़े चर्चा सत्र में रोजगार, आईटी तथा आईटीईएस सेक्टर ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर, वित्तीय सेवाओं, उत्पादन संबंधी सेवाओं, बंदरगाह संचालित सेवाओं, गिग, केयर तथा ग्रीन इकोनॉमी से जुड़ी सेवाओं में वर्तमान क्षेत्रीय परिदृश्य तथा इस क्षेत्र में की गयी प्रमुख पहलों और भावी आयोजन से गुजरात को सेवा क्षेत्र में भी अग्रिम बनाने की दिशा में इस सत्र में सहभागी हुए सभी ने अपने सुझाव दिये तथा मत व्यक्त किये।

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