ग्वालियर , अक्टूबर 3 -- मध्यप्रदेश के ग्वालियर में क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक फर्जी पुलिस गैंग का पर्दाफाश कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह में एक फर्जी टीआई, दो फर्जी कॉन्स्टेबल और एक वाहन चालक शामिल थे। पुलिस ने इनके कब्जे से फर्जी नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र, पुलिस वर्दी और वाहन बरामद किए हैं। यह गैंग आरटीओ स्क्वॉड बनकर हाईवे पर अवैध वसूली करने की योजना बना रहा था।

एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस गिरोह की जानकारी ऑनलाइन शॉप संचालक वैभव पाल ने दी थी। आरोपी शिवम चतुर्वेदी खुद को एसपी ऑफिस में पदस्थ टीआई बताकर धमकाता था और उससे फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाता था। गत बुधवार को भी उसने तीन और नियुक्ति पत्र बनवाने के लिए दबाव बनाया, जिस पर वैभव ने पुलिस को सूचना दी। जैसे ही आरोपी नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे, क्राइम ब्रांच ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान शिवम चतुर्वेदी पुत्र पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, पवन यादव पुत्र ओमकार यादव, नीरज यादव पुत्र कुंदनलाल यादव और रविन्द्र यादव सभी निवासी सागर के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला कि शिवम गैंग का सरगना है और उस पर पहले से ही चोरी व धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज हैं। उसकी पत्नी भी अपराधों में शामिल है।

गिरोह पिछले दो माह से शहर में सक्रिय था और बेरोजगार युवकों को पुलिस भर्ती कराने का झांसा देकर 25 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुका था। उन्हीं पैसों से फर्जी वर्दी, जूते, गाड़ी और सायरन खरीदे गए थे। पुलिस के अनुसार पवन और नीरज को शिवम ने 40-40 हजार रुपए देकर फर्जी कॉन्स्टेबल बनाया था, जबकि रविन्द्र की कार 55 हजार रुपए मासिक किराए पर ली गई थी।

आरोपी बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात से हाईवे पर आरटीओ दल बनकर वसूली करने की योजना बना रहे थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। फिलहाल क्राइम ब्रांच आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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