दंतेवाड़ा, सितंबर 29 -- छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर जिले दंतेवाड़ा में 'आदि कर्मयोगी अभियान' एक नई पहल के तहत ग्रामीण विकास का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अधिकारी और ग्रामीण मिलकर 'ग्राम विजन दस्तावेज' बना रहे हैं, जो भविष्य में विकास कार्यों की रूपरेखा तय करेगा। जिले के 15 गांवों की योजना अब तक इस पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है।

यह अभियान केंद्र और राज्य सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' और 'सबका विश्वास, सबका प्रयास' के सिद्धांतों को जमीन पर उतारने का एक प्रयास है। इसका उद्देश्य विकसित भारत की यात्रा में जनजातीय समाज को अग्रणी स्थान दिलाना है, जहाँ शासन और समुदाय साझेदार बनकर काम करते हैं। नोडल अधिकारी सीधे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचकर ग्रामवासियों के साथ बैठकें आयोजित कर रहे हैं और इन सहभागी बैठकों के माध्यम से विकास की साझी योजना बना रहे हैं।

इन 'ग्राम विजन दस्तावेजों' में मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, सामाजिक सुरक्षा और बुनियादी सेवाओं जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसका लक्ष्य न केवल इन सेवाओं के प्रत्यक्ष लाभ को सुनिश्चित करना है, बल्कि एक विकसित गांव की भविष्य की परिकल्पना को भी साकार करना है। जावंगा, गुमड़ा, मुरकी, और कोरलापाल सहित 16 गांवों में यह प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है।

जिला कलेक्टर कुणाल दुदावत ने इस अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्ययोजना को पूरा करने पर जोर दिया है। यह पहल जनभागीदारी से विकास के एक नए मॉडल की नींव रख रही है।

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