कोरबा , अक्टूबर 10 -- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पाली तहसील क्षेत्र में शुक्रवार को प्रस्तावित त्रिपक्षीय बैठक उस समय हंगामे का कारण बन गयी जब ग्राम हरदी बाजार के ग्रामीणों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए तहसील कार्यालय गेट के सामने जोरदार नारेबाजी की। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पूर्व में दिए गए ग्राम हितों से जुड़ी मांगों को पूरा किए बिना किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया जाएगा।
तहसील कार्यालय के मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में ग्रामवासी एकत्र हुए और बैठक का विरोध करते हुए नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक एसईसीएल प्रबंधन पुराने मांग पत्र में उल्लेखित बिंदुओं - जैसे मुआवजा, विस्थापन और पुनर्वास - पर ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक किसी भी प्रकार की वार्ता स्वीकार नहीं की जाएगी।
बैठक में पाली उपजिलाधिकारी, अपर कलेक्टर तथा एसईसीएल प्रबंधक उपस्थित रहे। इस दौरान पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, सरपंच लोकेश्वर कंवर, नरेश टंडन, अजय दुबे, अनिल टंडन, विजय जायसवाल, श्याम जायसवाल, रामशरण कंवर सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा तहसील कार्यालय परिसर में टेंट और कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी, जिसमें बाहरी लोगों को बैठाया गया, जबकि बैठक हरदी बाजार के ग्रामवासियों के लिए आयोजित की जानी थी।
इसी बीच मालगांव के ग्रामीण भी स्थल पर पहुंच गए और अपने टूटे मकानों के मुआवजा भुगतान की लंबित मांग को लेकर मंच पर बैठ गए। हरदी बाजार के ग्रामीणों ने हालांकि इस बैठक में भाग नहीं लिया और बहिष्कार जारी रखा।
ग्रामीणों के इस रुख के कारण बैठक का माहौल तनावपूर्ण बना रहा और प्रशासन को स्थिति संभालने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी।
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