बेंगलुरु , दिसंबर 22 -- ऐसे समय में जब अक्सर टीमें बदलकर या आखिरी मौके की तलाश में करियर को बढ़ाया जाता है, कर्नाटक के ऑलराउंडर कृष्णा गौतम ने एक दुर्लभ, शांत रास्ता चुना। अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने के लिए खुद को अलग कर लिया।
गौतम ने सोमवार को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि यह फैसला किसी मजबूरी से नहीं, बल्कि सोच समझकर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह वही मैदान जहां वह कभी दर्शक और बॉल बॉय के रूप में खड़े होकर सेंटर विकेट पर खेलने का सपना देखते थे। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी जिसने कई बार कनार्टक की टीम में वापसी की, यह वापसी उन युवाओं के लिए नुकसानदायक होती है जो टीम का भविष्य हैं।
उन्होंने माना, "मेरे पास दूसरे राज्य में जाने के विकल्प थे लेकिन मैंने इस पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया।" उन्होंने कर्नाटक क्रिकेटर के तौर पर अपना सफर शुरू किया और उसी तरह इसे खत्म करने का फैसला किया, यह मानते हुए कि ज्यादा समय तक बने रहना उन लोगों के साथ अन्याय होता है जो अपने मौके का इंतजार कर रहे होते है।
उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को उतार-चढ़ाव दोनों में उनका साथ देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि कर्नाटक का रंग पहनना और राज्य के लिए ट्रॉफियां जीतना जीवन भर की यादें रहेंगी। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की पांच टीमों मुंबई इंडियंस, राजस्थान रॉयल्स, पंजाब किंग्स, चेन्नई सुपर किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स में एक क्रिकेटर के तौर काम किया।
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