अजमेर , दिसंबर 25 -- राजस्थान में अजमेर रंगमंच महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार को गिरीश कर्नाड द्वारा रचित कालजई रचना नागमंडल का मंचन किया गया।

बेहतरीन अभिनय, शानदार प्रकाश और ध्वनि से सजा यह नाटक दर्शकों का मन मोह लिया। सात्विक आर्ट्स चंडीगढ़ की टीम द्वारा अमित और सरवर द्वारा निर्देशित नाटक दर्शकों को अपनी कुर्सियों से हिलने तक नहीं दिया। एक स्त्री का दर्द, उसके बंधन, उदासीनता को झेलते जीवन को जीना और इसके बीच अपनी पहचान करना और प्रेम को पाने की तड़प ने रोमांचित कर दिया। नागमंडल रंगमंच प्रेमियों के लिए एक ऐसा अनुभव रहा, जो लोक और आधुिनक चेतना के बीच एक सशक्त सेतु बनाता है।

लोक कथाओं से जन्मा नाग (सर्प ) प्रेम, इच्छा और कल्पना का प्रतीक बनकर कथा में प्रवेश करता है और यथाथर् एवं मिथक के बीच की रेखा को धुंधला कर देता है। यह नाटक केवल एक कहानी नहीं, बल्कि स्त्री की चुप्पी, उसकी कामनाओं और उसके आंतरिक संघर्ष का काव्यात्मक उद्घाटन है। नागमंडल वर्तमान समय में भी उतना ही प्रासंगिक है, क्योंकि यह स्त्री की स्वतंत्रता, नैतिकता और समाज द्वारा गढ़ी गई सच्चाइयों पर गंभीर प्रश्न उठाता है।

नाटक का शुभारंभ शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी, समाजसेवी प्रीति तोषनीवाल राजीव तोषनीवाल, सहायक कर आयुक्त हेमलता यादव, वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल आचार्य, वरिष्ठ चित्रकार अमित राजवंशी ने दीप प्रज्वलित करके किया। योबी जॉर्ज ने बताया की शुक्रवार को जयपुर की टीम द्वारा गोरधन के जूते नाटक का मंचन किया जायेगा ।

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