फगवाड़ा, अक्टूबर 10 -- शिवसेना पंजाब ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से 'गाय उपकर' के तहत एकत्रित राजस्व और उसके व्यय का विवरण सार्वजनिक करने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता आवश्यक है कि धनराशि का उपयोग आवारा पशुओं के कल्याण और संरक्षण के लिए किया जा रहा है।

शुक्रवार को यहां मीडिया से बात करते हुए, शिवसेना पंजाब के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत करवाल और राजेश पलटा, राज्य प्रवक्ता विपिन शर्मा, नीरज सचदेवा, विक्रम शर्मा, हरिंदर बिल्ला और शहर अध्यक्ष अंकुर बेदी ने पंजाबी गायक राजवीर जवंदा के निधन पर दुख व्यक्त किया और साथ ही पंजाब भर में आवारा पशुओं के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई।

नेताओं ने कहा कि सड़कों पर आवारा घूमते गाय और बैल दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बन गये हैं और कई लोगों की जान ले चुके हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन पशुओं को गौशालाओं या अन्य उपयुक्त सुविधाओं में सुरक्षित आश्रय प्रदान करना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है।

सर्वश्री करवाल और पलटा ने आरोप लगाया कि सरकार जनता से नियमित रूप से गौ-उपकर वसूलती है, लेकिन यह धनराशि अपने इच्छित उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से गौ-उपकर संग्रह और व्यय के आंकड़े सार्वजनिक करने का आग्रह किया ताकि सार्वजनिक धन के उपयोग में जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। शिवसेना नेताओं ने बांझ गायों और भैंसों को सड़कों पर छोड़ने वालों को भी चेतावनी दी और कहा कि ऐसी हरकतों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने प्रशासन से ऐसी लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें दंडित करने का भी आग्रह किया।

सोशल मीडिया पर गौ-पूजक हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के लिए कुछ तत्वों की आलोचना करते हुए नेताओं ने हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ कानून के समान प्रवर्तन की मांग की। उन्होंने दोहराया कि गौरक्षा न केवल धार्मिक मुद्दा है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और नैतिक जिम्मेदारी का भी मामला है। पार्टी ने पंजाब सरकार से मानव जीवन और आवारा पशुओं दोनों की सुरक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया।

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