श्रीगंगानगर , नवम्बर 30 -- राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के पंजाब सीमा से सटी ग्राम पंचायत साधुवाली के चक 2-डी में गाजर मंडी के निर्माण से 40 ढाणियों के किसानों के सामने आवागमन बंद होने का संकट खड़ा हो जायेगा।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष और अमरसिंह विश्नोई अन्य किसान नेताओं ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो दो दिसम्बर से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गाजर मंडी की करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी चारदीवारी के निर्माण से चक 2-डी की करीब 40 ढाणियों में रहने वाले 100 किसान परिवारों का अपने खेतों और ढाणियों तक आवागमन पूरी तरह बंद हो जाएगा।
श्री बिश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष के बजट में गाजर मंडी की घोषणा की थी, जिससे ग्राम पंचायत साधुवाली के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। यह मांग करीब 15 वर्ष पुरानी थी और लोगों को उम्मीद थी कि मंडी बनने से क्षेत्र का विकास होगा, रोजगार बढ़ेगा और जमीनों के दाम ऊंचे होंगे, लेकिन जब सरकारी विभागों ने प्रस्तावित गाजर मंडी के नक्शे को जारी किया तो इसमें 40 ढाणियों के निवासियों के लिये आवागमन का रास्ता नहीं दर्शाया गया था।
उन्होंने बताया कि गंगनहर की मुख्य नहर के साथ जहां पहले एलएनपी नहर थी-जिसे कई वर्ष पहले बंद कर दिया गया, वहां अब यह मंडी बनाई जा रही है। सिंचाई विभाग ने यह जगह कृषि उपज मंडी समिति को स्थानांतरित कर दी है।
किसान नेताओं ने बताया कि बीकानेर रियासत काल में 1932 में एलएनपी नहर का निर्माण हुआ था, जिसके लिए चक 2-डी छोटी के किसानों ने अपनी भूमि समर्पित की थी। नहर की उत्तर दिशा में इन किसानों की जमीनें और ढाणियां हैं और आवागमन का रास्ता इसी नहर की पटरी से होता है। इस चक में रहने वाले सभी किसान लघु और सीमांत श्रेणी के हैं, जो मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन से जीवन यापन करते हैं। करीब 100 वर्षों से यह रास्ता उपयोग में है, लेकिन मंडी निर्माण से चक की 40 ढाणियों के करीब 100 परिवारों के करीब 500 लोगों का आवागमन बंद होने वाला है।
प्रेसवार्ता में एडवोकेट सुभाष सहगल ने बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में इन लोगों के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं छोड़ा गया है। इससे वे श्रीगंगानगर शहर, साधुवाली गांव, अस्पताल और विद्यालयों तक पहुंचने से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि मंडी की दक्षिण दिशा में मुख्य गंगनहर और मंडी के बीच करीब 90 फुट की खाली जगह है। सरकार 16 फुट जगह मंडी को दे दे, तो उत्तर दिशा में किसानों के लिए 16 फुट का रास्ता निकाला जा सकता है।
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