रायपुर, सितंबर 26 -- आगामी दो अक्टूबर को जब पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मनाएगा, उसी दिन छत्तीसगढ़ के गांवों में एक नई पहल की शुरुआत होगी। हर ग्राम पंचायत में विशेष ग्रामसभा आयोजित की जाएगी।

पर इस बार की ग्रामसभा पहले जैसी नहीं होगी। इसमें बैठकर केवल प्रस्ताव पारित करना ही नहीं, बल्कि हर चर्चा, हर फैसला और हर कार्यवाही को वीडियो रिकॉर्ड किया जाएगा। इतना ही नहीं, ग्रामसभा की पूरी रिपोर्टिंग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित पोर्टल 'समाचार' के जरिए होगी। यानी जो कुछ भी गांव में तय होगा, उसकी डिजिटल कॉपी सुरक्षित रहेगी और भविष्य में कोई भी उस पर सवाल उठाएगा तो रिकॉर्ड सबके सामने होगा।

ग्रामसभा में कई अहम मुद्दों पर बात होगी। किसानी से लेकर विकास योजनाओं तक, रोजगार से लेकर बुनियादी ज़रूरतों तक, हर विषय पर खुलकर चर्चा की जाएगी। पहले की बैठकों में जो प्रस्ताव पारित हुए हैं, उनकी स्थिति बताई जाएगी और स्वीकृत योजनाओं का ब्योरा ग्रामीणों के सामने रखा जाएगा।

सबसे खास फोकस किसानों पर रहेगा। धान खरीदी से पहले हर किसान का पंजीकरण व सत्यापन जरूरी है। इसी कारण पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन किसानों का रिकॉर्ड अधूरा है, उनका नाम व विवरण ग्रामसभा में पढ़कर सुनाया जाए। जो किसान पात्र पाए जाएंगे, उनका पंजीकरण तुरंत पूरा किया जाएगा ताकि खरीदी के समय किसी तरह की दिक्कत न हो।

गांव के लोगों के लिए यह अवसर है कि वे अपनी समस्याएं सीधे पंचायत और अधिकारियों के सामने रखें। बैठक में आए हर सुझाव और निर्णय अब लिखित तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि कैमरे की नज़र और डिजिटल सिस्टम में दर्ज होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सबूत की तरह मौजूद रहेंगे।

गांधी जयंती पर होने जा रही यह ग्रामसभा वास्तव में गांधी के उस सपने को मजबूत करने की कोशिश है जिसमें गांव की पंचायत ही लोकतंत्र की असली नींव है। इस बार की ग्रामसभा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता का नया अध्याय साबित होगी।

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