दुर्ग, सितंबर 29 -- छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में नवरात्र की धूम के बीच गरबा पंडालों से विवादों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। जहां एक ओर श्रद्धालु माता रानी की भक्ति और आराधना में डूबे हैं, वहीं कई आयोजनों में फूहड़ गानों और अश्लील डांस परफॉर्मेंस ने माहौल बिगाड़ दिया है। इसको लेकर हिंदूवादी संगठनों और आयोजकों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है, जो कई बार थाने तक भी पहुंच रही है।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता शहर के विभिन्न गरबा आयोजनों पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं। कार्यकर्ता रोजाना 60 से 70 युवाओं के समूह के साथ आयोजनों में पहुंचकर गानों और डांस पर निगरानी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, गरबा में शामिल होने वाले युवाओं के कपड़ों और आईडी तक की जांच की जा रही है। भक्ति गीतों और पारंपरिक परिधानों की जगह फिल्मी गानों और आधुनिक परिधानों के प्रयोग पर बवाल खड़ा हो रहा है, जिससे आयोजकों और संगठनों के बीच रोजाना विवाद की स्थिति पैदा हो रही है।

नवरात्र शुरू होने से पहले प्रशासन ने सभी आयोजन समितियों के साथ बैठक कर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की थी। इसमें सिर्फ भक्ति गीतों और भजनों को बजाने का निर्देश था, साथ ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के लिए रात 10 बजे तक की समय सीमा तय की गई थी।

हकीकत यह है कि अधिकांश आयोजन समितियां इन निर्देशों की खुलकर धज्जियां उड़ा रही हैं। कई पंडालों में रात 12 बजे तक तेज आवाज में फिल्मी गाने बजाए जा रहे हैं। प्रशासन सख्ती से पालन कराने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।

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