पटना, सितंबर 28 -- बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में सतारूढ़ दल की तरफ से लगातार घोषित की जा रही योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन को लेकर सवाल पूछे हैं और कहा कि सरकार के खजाने में खर्च करने के लिए महज एक लाख करोड रुपए हैं और चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) की सरकार ने बिहार के लोगों को सात लाख करोड के सब्जबाग दिखा दिए हैं।
श्री यादव ने तंज कसते हुए कहा कि इतनी सारी घोषणाओं और योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसे कहां से आएंगे।
श्री यादव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार का बजट 3 लाख 95 हजार करोड का है, जिसमे गैर योजना मद में 2 लाख करोड और योजना मद में 1 लाख 16 हजार करोड का बजट निर्धारित है। इसके अलावा अतिरिक्त आय से 80 हजार करोड जुटाने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस हिसाब से योजनाओं के लिए 1 लाख 95 हजार करोड की राशि उपलब्ध होगी। ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि घोषित योजनाओं के लिए सरकार पैसे कहां से लाएगी।
राजद नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसी वर्ष मई से सितंबर तक कुल एक लाख पन्द्रह हजार करोड की योजनाओं की घोषणा की। इससे पहले दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 तक मुख्यमंत्री श्री कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान कुल 50 हजार करोड की घोषणाएं की थी। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से की गई सभी घोषित योजनाओं को जोड दें तो 7 लाख 8 हजार 729 करोड की घोषणाएं की गई।
श्री यादव ने कहा कि सरकार के पास एक लाख करोड़ भी खर्च के लिए नही हैं और सरकारी घोषणाओं के हिसाब से 7 लाख करोड़ से ज्यादा राशि की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस संबंध में एक स्पस्टीकरण दें तो बेहतर होगा।
राजद नेता ने कहा कि बिहार में राजग सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में संभावित हार से डरी हुई है और इसी वजह से जनता को गुमराह करने के लिए लगातार घोषणाएं किये जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि 20 सालों से बिहार में राजग की सरकार है और चुनाव से ठीक पहले दस हजार रुपए दिए जा रहे। अगर बीस सालों से इन पैसों की तुलना करें तो साल में केवल 500 रुपया दिया गया और हर महीने की बात करें तो 41 रुपया 66 पैसा दिया गया। यानी राशि पाने वालों को प्रतिदिन 1 रुपया 38 पैसा मिला।
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में भाजपा और जदयू से ज्यादा तो भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं। बिहार के सरकारी भवनों में साफ सफाई के नाम पर 700 करोड रुपए खर्च हो रहे हैं। इन सभी कामों का ठीका बाहरी ठीकेदारों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों की सूची उनके पास है, जल्द ही वो उसे सार्वजनिक करेंगे। किस मंत्री और अधिकारी ने खुद और रिश्तेदारों के नाम कितनी संपत्ति बना रखी है ये सारी जानकारी सामने लाई आएगी।
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