नयी दिल्ली , नवंबर 28 -- सरकार ने कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रयासों के तहत भूमिगत भंडारों की खोज के काम में 18 निजी क्षेत्र की एजेंसियों को प्रास्पेक्टिंग ( पूर्वेक्षण ) एजेंसी के रूप में काम करने की मान्यता दी है।

केंद्रीय कोयला मंत्रालय की शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 4 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय गुणवत्ता परिषद-राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड द्वारा विधिवत मान्यता प्राप्त इन निजी संस्थाओं को मान्यता प्राप्त पूर्वेक्षण एजेंसियों के रूप में अधिसूचित किया गया है।

इस निर्णय से कोयला और लिग्नाइट की खोज के लिए 18 और एजेंसियां जुड़ जाएंगी, जिससे कोयला ब्लॉक आवंटियों को कोयला और लिग्नाइट की खोज के लिए इन एजेंसियों को नियुक्त करने में अधिक विकल्प मिलेगा। उल्लेखनीय है कि कोयला खदान के संचालन के लिए भूगर्भीय रिपोर्ट का अन्वेषण और तैयारी एक पूर्व शर्त है। इन अन्वेषण एजेंसियों के जुड़ने से लगभग 6 महीने का समय बचेगा, जो पहले एजेंसी द्वारा लाइसेंस प्राप्त करने में लगता था।

मंत्रालय ने कहा है कि अधिकृत संभावित एजेंसियों के समूह का विस्तार करके, सरकार निजी क्षेत्र के संसाधनों का उपयोग करना और अन्वेषण में दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता तथा तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना चाहती है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित