कोटा , अक्टूबर 02 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विजयादशमी के पर्व को असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का उत्सव बताते हुए कहा है कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि सत्य का मार्ग कितना भी चुनौतीपूर्ण एवं समुद्र के समान कितना भी गहरा हो लेकिन समाधान का रामसेतु बन ही जाता है।

श्री शर्मा ने गुरूवार को कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में आयोजित 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेला में आमजन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोटा का दशहरा मेला केवल एक उत्सव नहीं बल्कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मेला पूरे भारत में अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए विख्यात है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के दिलों में भी यह मेला एक विशेष स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि यह मेला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक आयोजन, मनोरंजन और लोक परंपराओं का अद्वितीय संगम है।

उन्होंने कहा कि इस बार का दशहरा मेला कई मायनों में विशेष है क्योंकि मेले का आयोजन तिरंगा थीम पर किया गया है जो हमारी सेना के शौर्य और पराक्रम को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में राजस्थान और अन्य राज्यों के कारीगर अपने पारंपरिक हस्तशिल्प, आभूषण, वस्त्र और सजावटी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाने के लिए आते हैं। यह बाजार हमारे कुशल कारीगरों की प्रतिभा और राजस्थान की समृद्ध शिल्प परंपरा का उचित मंच है। उन्होंने कहा कि इस बार हमारे शिल्पकारों और कारीगरों में भी नया उत्साह देखने को मिल रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने जीएसटी सुधारों के तहत विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। इन जीएसटी सुधारों से इस बार त्योहारी सीजन में आम आदमी की खुशियां भी दोगुनी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हम सब प्रदेश को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प लें तथा वोकल फोर लोकल के मंत्र को आत्मसात करें। _श्री शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीराम ने रावण जैसी बुराइयों का अंत कर रामराज्य की स्थापना की। रामराज्य में समाज में सुख-समृद्धि का वास और खुशहाली का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की संकल्पना निहित होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नर को नारायण और दीन को देवता मानते हुए अपने कार्यकाल में महिला, युवा, किसान और गरीब के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। महिला सुरक्षा तथा महिला सशक्तिकरण के लिए भी राज्य सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना शुरू कर 10 हजार गांवों के बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा के ऊपर लाने का काम किया जा रहा है।

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