रामनगर , नवंबर 28 -- उत्तराखंड में रामनगर के पास स्थित विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहली बार यूरोप, पूर्वी एशिया और उत्तरी अफ्रीका में पाई जाने वाली दुर्लभ पक्षी प्रजाति हॉफिंच चिड़िया देखी गई है। इस अद्भुत दिखने वाले प्रवासी पक्षी के अचानक कॉर्बेट में नजर आने से वनाधिकारी और पक्षी प्रेमी बेहद उत्साहित हैं।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि झुंड में रहने वाला यह पक्षी संभवतः अपने दल से बिछड़कर यहां पहुंच गया होगा। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) ने हॉफिंच की मौजूदगी की पुष्टि करते हुए इसे पार्क में पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियों की आधिकारिक सूची में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह पहली बार है जब इस पक्षी को देश के किसी भी नेशनल पार्क में देखा गया है, जिससे यह साइटिंग बेहद खास बन गई है।

कैमरे में कैद हुई दुर्लभ प्रजाति: 23 नवंबर को रामनगर के जाने-माने फोटोग्राफर प्रशांत कुमार ने ढेला जोन में जंगल सफारी के दौरान शिकारी कुएं के पास इस पक्षी को कैमरे में कैद किया। प्रशांत बताते हैं कि भारत में हॉफिंच का दिखना ऐतिहासिक है। यह प्रजाति सामान्यतः बेहद ठंडे इलाकों में पाई जाती है और यूरोप, उत्तरी तथा पश्चिमी एशिया में इसका निवास क्षेत्र माना जाता है।

उन्होंने बताया कि यह पक्षी इन दिनों ढेला रेंज में लगातार नजर आ रहा है, जिससे अनुमान है कि यह अपने झुंड से बिछड़कर यहां तक पहुंचा होगा।

प्रशांत के अनुसार इससे पूर्व हॉफिंच केवल दो बार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में दिखाई दी थी। एक बार 1908 में मुजफ्फराबाद में और दूसरी बार वर्ष 2017 में अलियाबाद में। इसके बाद अब कॉर्बेट में दिखना इस प्रजाति की तीसरी और बेहद महत्वपूर्ण साइटिंग मानी जा रही है।

हॉफिंच एक मजबूत और आकर्षक चिड़िया है जिसकी लंबाई: लगभग 18 सेंटीमीटर, पंख फैलाव: 29 से 33 सेंटीमीटर, भोजन: मुख्य रूप से कठोर बीज और जामुन,रंग: नर और मादा के पंखों में हल्का अंतर, जिसमें नर का रंग अधिक चमकीला होता है।

इसका व्यवहार झुंड में रहना और कठोर बीजों को तोड़ने की क्षमता इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है।

प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार बताते हैं कि हॉफिंच सामान्यतः पूरे यूरोप और समशीतोष्ण एशिया में प्रजनन करती है,कुछ एशियाई समूह सर्दियों में दक्षिण की ओर पलायन करते हैं। अलास्का के पश्चिमी द्वीपों में यह दुर्लभ वागाबॉन्ड (भटकने वाली) प्रजाति मानी जाती है।

वहीं सीटीआर के एसडीओ अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि कॉर्बेट में पहली बार हॉफिंच का दिखना पक्षी प्रेमियों के लिए उत्साहजनक है,जल्द ही इसे पार्क की बर्ड स्पीशीज़ लिस्ट में शामिल किया जाएगा। कॉर्बेट में हॉफिंच की उपस्थिति न केवल जैव विविधता का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय प्रजातियां भी इस जंगल की समृद्ध पारिस्थितिकी से आकर्षित हो रही हैं।

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