रामनगर , नवंबर 29 -- रामनगर 29 नवंबर (वार्ता) उत्तराखंड में रामनगर के कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व अलग-अलग पर्यटन जोनों में इस बार बाघ और उनके शावकों की बढ़ती संख्या दर्ज की है। यह आंकड़े न सिर्फ वन विभाग को उत्साहित कर रहे हैं, बल्कि वाइल्डलाइफ़ प्रेमियों और स्थानीय कारोबारियों के बीच भी खुशी का माहौल है।
कॉर्बेट पार्क के उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) अमित ग्वासाकोटी ने आज बताया कि बाघों की बढ़ती संख्या संरक्षण और समर्पित प्रयासों का सीधा नतीजा है। उन्होंने कहा कि कॉर्बेट में पिछले वर्षों से लगातार बाघों और उनके शावकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जो इस बात का प्रमाण है कि सुरक्षित आवास, बेहतर निगरानी और सतत संरक्षण रणनीति ने बड़ा असर दिखाया है।
श्री ग्वासाकोटी के मुताबिक पार्क में सख्त निगरानी, आधुनिक ट्रैप कैमरों का उपयोग, शिकारियों पर नकेल और जंगलों के बेहतर प्रबंधन ने कॉर्बेट को देश में सबसे सुरक्षित बाघ आवासों में से एक बना दिया है, यही वजह है कि यहां बाघों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और अधिकांश मादा बाघों के साथ शावक भी देखे जा रहे हैं।
इसी बीच वन्यजीव प्रेमी और संरक्षण कार्यकर्ता संजय छिम्वाल ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व बाघों की आबादी के मामले में देश में शीर्ष पर है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कई मादा बाघों के साथ शावकों को देखा गया है, जो बेहद सकारात्मक संकेत हैं। श्री छिम्वाल ने कहा कि जब जंगल में शावकों की संख्या बढ़ती है, तो इसका मतलब होता है कि टाइगर हैबिटेट सुरक्षित है, भोजन की उपलब्धता पर्याप्त है और बाघ बिना किसी खतरे के प्राकृतिक रूप से बढ़ रहे हैं, यह न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण की सफलता है, बल्कि स्थानीय पर्यटन और कारोबारी गतिविधियों के लिए भी ऊर्जा का स्रोत है।
उन्होंने बताया कि बाघों की स्थिर आबादी से कॉर्बेट का इको-टूरिज्म और भी मजबूत होता है, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका को भी सहयोग मिलता है।
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