तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 07 -- केरल में जलकुंभी का अनियंत्रित प्रसार न केवल सबसे गंभीर पर्यावरण चुनौतियों में से एक है, बल्कि राज्य में किसानों और मछुआरों के लिए भी एक गंभीर खतरा बन कर उभर रहा है।

केरल के कोच्चि स्थित जैन विश्वविद्यालय की "केरल में जलकुंभी के खतरे से निपटना" शीर्षक से जारी एक चर्चा पत्र में यह बात उभर कर सामने आयी है। विश्वविद्यालय के 'फ्यूचर केरल मिशन' द्वारा तैयार इस चर्चा पत्र में राज्य के सामने मौजूद गंभीर पर्यावरणीय और आजीविका संबंधी चुनौतियों की पहचान करने और उन्हें कम करने के विषय में चर्चा की गयी है।

पूर्व भारतीय राजदूत और फ्यूचर केरल मिशन के अध्यक्ष वेणु राजामणि ने जैन विश्वविद्यालय के समुद्री विज्ञान विभाग की डॉ. लक्ष्मी और डॉ. राधाकृष्णन उन्नी के साथ मिलकर रिपोर्ट की पहली प्रति राज्य के मत्स्य पालन मंत्री शाजी चेरियन को सौंपी।

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