तिरुवनंतपुरम, सितंबर 29 -- केरल विधानसभा ने सोमवार को निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा प्रदेश की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर इस कदम को अनुचित और अव्यावहारिक बताया।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आयोग का निर्देश ऐसे समय में काम को दोहराना है जब वैधानिक संक्षिप्त पुनरीक्षण प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि समानांतर प्रक्रिया लागू करने से न केवल मतदाता भ्रमित होंगे, बल्कि राज्य की प्रशासनिक मशीनरी पर भी दबाव पड़ेगा।

श्री विजयन ने कहा, "मतदाता सूची कानून के अनुसार हर साल अद्यतन की जाती है। इस समय एक अतिरिक्त विशेष पुनरीक्षण का कोई औचित्य नहीं है और यह प्रक्रिया की विश्वसनीयता को भी कम कर सकता है।"विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि मतदाता सूचियों की सटीकता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता लेकिन आयोग को ऐसे उपायों से बचना चाहिए जो अनावश्यक संदेह पैदा करें या चुनावों के सुचारू संचालन में बाधा डालें।

उन्होंने कहा, "मौजूदा व्यवस्था स्वच्छ मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है। अचानक एक और प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय सवाल खड़े करता है।"संसदीय कार्य मंत्री एम.बी. राजेश ने कहा कि विधानसभा की एकजुट आवाज केरल की इस चिंता को दर्शाती है कि चुनावों की निष्पक्षता से "बिना किसी पर्याप्त कारण के असाधारण कदम" उठाकर समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमसीर ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। सदन ने चुनाव आयोग से अपने निर्देश पर पुनर्विचार करने और मतदाता सूची तैयार करने के आधार के रूप में नियमित वैधानिक संशोधन को जारी रखने की अपील की।

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