वाराणसी , नवंबर 29 -- काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने शनिवार को बताया कि इस वर्ष के काशी तमिल संगमम की एक अनूठी विशेषता है, हिंदी में दक्ष तमिल शिक्षकों का वाराणसी आगमन। ये शिक्षक काशी के विभिन्न स्कूलों में विद्यार्थियों को तमिल भाषा की आधारभूत जानकारी और इसकी समृद्ध विरासत के बारे में पढ़ाएंगे।
भारतीय भाषा विभाग, कला संकाय, बीएचयू के तमिल अनुभाग द्वारा इस पहल का समन्वय वाराणसी जिला प्रशासन के साथ मिलकर किया जा रहा है। चेन्नई स्थित केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) द्वारा तैयार अध्ययन सामग्री के आधार पर 50 शिक्षकों तथा दो समन्वयकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इन शिक्षकों को जिला प्रशासन द्वारा चयनित 50 स्कूलों (सरकारी एवं निजी) में भेजा जाएगा, जहां वे 30-30 छात्रों के चयनित समूहों को 15 दिनों तक मौलिक तमिल संवाद सिखाएंगे।
सीआईसीटी द्वारा तैयार पांच खंडीय अध्ययन सामग्री हिंदी माध्यम से तमिल सिखाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। इससे कुल 1500 विद्यार्थियों को मौखिक तमिल सिखाई जाएगी, जिससे इस वर्ष के काशी तमिल संगमम का मूल विषय 'लेट अस लर्न तमिल' और मजबूत होगा।
काशी तमिल संगमम 4.0 का एक अन्य विशेष आकर्षण वाराणसी के 300 विद्यार्थियों का तमिलनाडु भ्रमण है। इन छात्रों का चयन एक ऑनलाइन क्विज़ के माध्यम से किया जा रहा है, जिसके लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने एक समर्पित पोर्टल विकसित किया है। यह क्विज़ सात दिसंबर को आयोजित होगी। चयनित विद्यार्थी तमिल भाषा सीखने के साथ-साथ तमिलनाडु के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के विभिन्न स्थलों तथा संस्थानों का भ्रमण भी करेंगे।
इसके अतिरिक्त, काशी हिंदू विश्वविद्यालय का सयाजीराव गायकवाड़ केंद्रीय पुस्तकालय दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों की एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित करेगा, जिसमें तमिल शिक्षण संसाधन भी प्रदर्शित किए जाएंगे। यह प्रदर्शनी 3 दिसंबर से प्रारंभ होगी, जो न केवल तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधियों अपितु बीएचयू के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को भी आकर्षित करेगी। पुस्तकालय तमिल सीखने-सिखाने के लिए उपलब्ध ऑनलाइन संसाधनों के ऑडियो-विजुअल रूप भी प्रदर्शित करेगा।
इस सहभागी कार्यक्रम के माध्यम से बीएचयू तथा आईआईटी (बीएचयू) देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच ज्ञान विनिमय, तकनीकी जागरूकता और सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देना चाहते हैं, जो काशी तमिल संगमम 4.0 की व्यापक दृष्टि के पूरी तरह अनुरूप है। तेनकासी से काशी तक अगस्त्य कार रैली भी निकाली जाएगी।
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