बीजापुर , नवंबर 27 -- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष और समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी को लेकर प्रशासन ने कृषक पंजीयन की अंतिम प्रक्रिया तेज करने के निर्देश जारी किए हैं।
जिला कलेक्टर संबित मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि शासन की प्राथमिकता के अनुरूप किसानों का पंजीयन बिना किसी रुकावट के समय-सीमा में पूरा किया जाए और इस दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राजस्व और खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि किसानों को सरल, पारदर्शी और बिना बाधा वाली सेवा देना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
कलेक्टर ने बताया कि 18 नवंबर से 25 नवंबर 2025 के बीच कृषि विभाग को प्राप्त पंजीयन आवेदनों में शामिल केवाईसी, भूमि अभिलेख, वनाधिकार मान्यता प्रमाण-पत्र, ऋण पुस्तिका और अन्य सहायक दस्तावेज़ों की ऑनलाइन प्रविष्टि तहसीली लॉगिन के ज़रिये दर्ज की जा रही है। इस प्रविष्टि कार्य को 30 नवंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरा करने के निर्देश जिले की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य केवल डेटा एंट्री नहीं बल्कि किसान अधिकारों से जुड़ा एक संवेदनशील दायित्व है, इसलिए समिति प्रबंधक, खाद्य अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी रोज़ाना रिपोर्ट अपडेट करते हुए इसकी सूक्ष्म समीक्षा करें।
श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि कई किसानों के दस्तावेज़ अपूर्ण होने, इंटरनेट कनेक्टिविटी में बाधा या तकनीकी समस्या के कारण पंजीयन की गति प्रभावित हो रही थी, जिसे देखते हुए अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है। लेकिन यह राहत तभी सार्थक सिद्ध होगी, जब सभी अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करते हुए दिन-रात एक कर इसे पूरा करें। उन्होंने समितियों को निर्देशित किया कि दस्तावेज़ सत्यापन कार्य में ग्राम स्तर पर मुनादी करायी जाए, पंचायत प्रतिनिधियों की मदद ली जाए और टोकन आधारित व्यवस्था बनाकर किसानों की भीड़ प्रबंधन को सुव्यवस्थित किया जाए।
बैठक में खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक जिले में हज़ारों आवेदन तहसील लॉगिन पर अपलोड किए जा चुके हैं और शेष लंबित आवेदनों का परीक्षण भी तेज़ी से किया जा रहा है। समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने आधार-लिंकिंग, बैंक खाता वैरिफिकेशन और भूमि रकबा सत्यापन की प्रक्रिया में भी सटीकता सुनिश्चित करने को कहा ताकि कोई भी अपात्र पंजीकृत न हो और पात्र किसान लाभ से वंचित न रहें।
जिले के किसानों में इस निर्णय को लेकर सकारात्मक उत्साह देखा जा रहा है। किसान संगठनों ने ऑनलाइन प्रविष्टि के लिए अतिरिक्त समय दिये जाने की सराहना करते हुए कहा है कि बीजापुर जैसे सुदूर और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में डिजिटल व्यवस्था को सुचारू बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य है, परंतु प्रशासन का यह सक्रिय रवैया किसान हित में सराहनीय पहल है।
कलेक्टर ने अंत में दोहराया कि पंजीयन प्रक्रिया शासन की मंशा के अनुरूप लोक-कल्याण की कड़ी है और इसमें पारदर्शिता-समयबद्धता के साथ संवेदनशीलता बनाए रखना अनिवार्य है। प्रशासन ने किसानों से भी अपील की है कि वे सभी आवश्यक दस्तावेज़ समय पर समिति कार्यालयों में जमा कर सहयोग दें, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ बिना देरी उन तक पहुंच सके।
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