होशियारपुर , अक्टूबर 6 -- किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) से जुड़े किसानों ने सोमवार को टांडा में दो स्थानों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के संयुक्त पुतले जलाये। किसान मुआवजे के रूप में प्रति एकड़ 70,000 रुपये तत्काल जारी करना और राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के कारण घरों, पशुओं और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान की पूरी प्रतिपूर्ति करने की मांग कर रहे हैं। केएमएससी के जिला अध्यक्ष परमजीत सिंह भुल्ला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने जालंधर-पठानकोट जी टी रोड पर अस्पताल चौक, टांडा और चोलांग टोल प्लाजा पर पुतले जलाये। सभा को संबोधित करते हुए भुल्ला ने कहा कि किसान मज़दूर मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसानों ने देशभर में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले फूंके। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ मानव निर्मित थी और केंद्र और राज्य सरकारों ने पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने के बहाने जानबूझकर पंजाब को जलमग्न कर दिया।

भुल्ला ने दावा किया कि गिरदावरी से पहले ही किसी भी किसान को मुख्यमंत्री द्वारा वादा किया गया मुआवज़ा नहीं मिला है, और प्रधानमंत्री द्वारा बाढ़ राहत के लिए 1,600 करोड़ रुपये की घोषणा से भी किसी को कोई फ़ायदा नहीं हुआ है। उन्होंने राज्य में बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था का आरोप लगाया, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और गुंडागर्दी का हवाला दिया, और चिप-आधारित बिजली मीटर लगाने और प्रदूषणकारी उद्योगों के ख़िलाफ़ सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की। उन्होंने पराली प्रबंधन के लिए बेलर पर 100 प्रतिशत सब्सिडी, बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 70,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, गन्ने के नुकसान के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, बाढ़ में नष्ट हुये घरों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए पूर्ण प्रतिपूर्ति की मांग की।

इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) की होशियारपुर इकाई के कार्यकर्ताओं ने जिला महासचिव राजिंदर सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासनिक परिसर (डीएसी) होशियारपुर में एकत्रित होकर धान की बर्बाद हुई फसलों और बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर नारेबाजी की। बाद में, उन्होंने इस संबंध में उपायुक्त आशिका जैन को एक ज्ञापन सौंपा।

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