वाराणसी , नवंबर 24 -- उत्तर प्रदेश में धार्मिक नगरी काशी स्थित स्वर्वेद महामंदिर में 25 और 26 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय 'समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव', विहंगम योग संत समाज के 102वें वार्षिकोत्सव तथा 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, असम, राजस्थान, बिहार, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए हैं। अमेरिका, जापान, कनाडा समेत कई देशों से भी भक्त काशी पहुंच रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोजन में सवा लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। 25,000 कुण्डीय विराट स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में लघु भारत का अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। दो हजार से अधिक कार्यसेवक पंडाल से लेकर महायज्ञ तक की सम्पूर्ण व्यवस्था संभाल रहे हैं। ग्रामीण परिवेश को ध्यान में रखते हुए खपरैल वाले कुछ अस्थाई कमरे भी बनाए जा रहे हैं। सभी तैयारियां सोमवार शाम तक पूरी कर ली जाएंगी।

महामंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी ने आज को बताया कि 25 नवंबर को 'अ' अंकित सफेद ध्वज फहराया जाएगा। सायंकाल संत प्रवर श्री विज्ञानदेव महाराज की दिव्यवाणी 'जय स्वर्वेद कथा' का आयोजन होगा।

26 नवंबर को मुख्य आयोजन 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे। शाम को मंदिर परिसर में हजारों दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। लगभग 200 टन से ज्यादा हवन सामग्री की आहुति दी जाएगी। यह आयोजन जगत कल्याण एवं भारत की सुख-समृद्धि की कामना से संपन्न होगा।

इस आयोजन में भारतीय संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। विदेशों में बसे भारतीय भी काशी पहुंचकर इस अनूठे महोत्सव में शामिल हो रहे हैं। करीब 200 एकड़ क्षेत्र में पूरी व्यवस्था की जा रही है।

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