पटना , अक्टूबर 13 -- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की घोषणा के एक दिन बाद भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सोमवार को अपने घटक दलों को आवंटित सीटों की सूची जारी करने में विफल रहा।
पिछले कुछ दिनों से पटना और नई दिल्ली में कई दौर की गहन और मैराथन चर्चा के बाद राजग ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव में अपने घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा की थी। इस घोषणा के अनुसार भाजपा और जदयू को 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ना है, जबकि लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के हिस्से में 29 सीटें आई हैं। 243 सदस्यों के सदन में बची हुई 12 सीटों में से 6-6 सीटें हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के लिए छोड़ी गई हैं।
अपने घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद राजग सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आवंटित सीटों का विवरण घोषित करने वाला था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ सीटों पर घटकों के बीच मतभेद के कारण इस घोषणा को स्थगित कर दिया गया।
इस बीच आज सम्राट चौधरी, नित्यानंद राय, नितिन नवीन और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं ने जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से मुलाकात की, लेकिन उनके बीच आम सहमति नहीं बन पाई। बाद में बिहार भाजपा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।
दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी सहित अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। जदयू ने बिना अड़चन वाली कुछ सीटों पर उम्मीदवारों को पार्टी के चुनाव चिन्ह भी वितरित किए।
राजग घटक दल की पार्टी रालोमो के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जिन्होंने रविवार को सीट बंटवारे में अपनी पार्टी को छह सीटें मिलने पर संतोष व्यक्त किया था, सोमवार को कुछ दुखी दिखे। उन्होंने राजग नेतृत्व से चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक संख्या में सीटें न मिलने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से माफी मांगी। उन्हें लगा कि सीट बंटवारे में उनकी पार्टी के हितों की अनदेखी की गई।
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