झुंझुनू , अक्टूबर 14 -- राजस्थान में झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ ब्लॉक के काजड़ा गांव की सरपंच एवं प्रशासक मंजू तंवर को मंगलवार को पद से हटा दिया गया।
जिला कलेक्टर अरुण गर्ग ने यह कार्रवाई मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के तहत लाभार्थियों से वसूली गयी राशि में अनियमितता पाये जाने पर की है। मंजू तंवर को पद से हटाने के बाद अब उप सरपंच राकेश कुमार को काजड़ा ग्राम पंचायत का नया प्रशासक नियुक्त किया गया है।
श्री गर्ग ने बताया कि मंजू तंवर ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दूसरे चरण के तहत लाभार्थियों से पानी की टंकी के निर्माण के लिए अंशदान के रूप में वसूले गये करीब 12 लाख रुपये की राशि को पंचायत के अधिकृत खाते में जमा नहीं कराया था। इस राशि को अनधिकृत रूप से संस्था 'बर्तन बैंक' के खाते में जमा करवा दिया था। योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को अपने घर में पानी की टंकी बनवाने के लिए 12 हजार का अंशदान ग्राम पंचायत के खाते में जमा कराना था। यह राशि गांव के 100 से अधिक लाभार्थियों से ली गयी थी, जिन्होंने टैंक निर्माण के लिए कर्ज लेकर या बचत से यह पैसा जमा कराया था।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज करायी कि राशि जमा कराने के बावजूद, उनके घरों में पानी की टंकी निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ है। जब ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी ( बीडीओ) कार्यालय में जानकारी मांगी, तब पता चला कि पंचायत के अधिकृत खाते में कोई राशि जमा नहीं हुई है। ग्रामीणों को दी गयी रसीदों पर न तो तारीख थी, न ही योजना का नाम और न ही किसी अधिकृत सरकारी अधिकारी के हस्ताक्षर। ये फर्जी रसीदें ही सबसे बड़ा सबूत बनीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पहले सूरजगढ़ बीडीओ कार्यालय स्तर पर और फिर अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव (राजस्थान सरकार) स्तर पर विस्तृत जांच करायी गयी। दोनों प्रशासनिक जांचों में सरपंच मंजू तंवर को दोषी पाया गया।
श्री गर्ग ने बताया कि शासन सचिवालय की रिपोर्ट के आधार पर मंजू तंवर को प्रशासक पद से तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
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