बीकानेर , दिसंबर 25 -- राजस्थान में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी और विपक्ष पहले भी गैर-मुद्दों को मुद्दा बनाकर राजनीति करने की कोशिश करते रहे हैं।

गुरुवार रात बीकानेर पहुंचे श्री शेखावात ने कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधते हुए पत्रकारों से कहा कि विपक्ष झूठ का गुब्बारे खड़े करते हैं, ऐसे प्रयास फुस्स हो जाते हैं और विपक्ष की राजनीति राज्य की जनता के सामने उजागर हो जाती है।

श्री राहुल गांधी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में काम करने की उनकी पद्धति, कोई नया विषय नहीं है। मुझे लगता है कि अब न तो देश उन्हें गंभीरता से लेता है, न दुनिया और अब तो उनके अपने दल में भी लोगों ने उन्हें गंभीरता से लेना बंद कर दिया है। सोनिया गांधी के जी राम जी कानून पर सवाल उठाने और यह कहने कि पहले महात्मा गांधी को गोडसे ने गोली मारी और अब एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोली मार दी, को लेकर पूछे सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि इस तरह की बातें करना और ऐसे विषयों पर इस प्रकार की टिप्पणी करना, मुझे लगता है कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि जिस बिल को बाद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम दिया गया, वह करीब 20 वर्ष पहले संसद में प्रस्तुत किया गया था। इन 20 वर्षों में भारत बदला है। भारत की परिस्थितियां बदली हैं, ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति बदली है, भारत की आवश्यकताएं बदली हैं और देश के सामाजिक-जनसांख्यिकीय ढांचे में भी पिछले 20 वर्षों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। अब 20 वर्ष बाद यदि किसी योजना में परिवर्तन किया जाता है और उसे वर्तमान की आवश्यकता और मांग के अनुरूप बदला जाता है।

श्री शेखावत ने कहा कि नरेगा को लेकर कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों से लेकर पक्ष-विपक्ष के कई सांसदों ने सदन के भीतर और बाहर यह आरोप लगाए थे कि इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। यह भी तथ्य है कि विभिन्न जांचों में नरेगा से जुड़े भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा देखने को मिली। सब जानते हैं कि किस प्रकार नरेगा के कारण दुरावस्था पैदा हुई और किस तरह गैर-उत्पादक कार्यों पर देश के करदाताओं का हजारों करोड़ रुपए हर वर्ष खर्च होता रहा। अब जब इसमें परिवर्तन किए गए हैं तो उस परिवर्तन को लेकर, उस योजना को अपनी राजनीतिक संतति मानते हुए इस तरह की टिप्पणियां करना दुर्भाग्यपूर्ण लगता है। जनता सब कुछ देख रही है।

अरावली को लेकर पूछे सवाल पर शेखावत ने कहा कि जहां तक पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस नोट का सवाल है तो उसके बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि उच्चतम न्यायालय के उस आदेश, जिसमें केवल परिप्रेक्ष्य योजना बनाने को कहा गया था, को लेकर जो गैर-मुद्दे को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही थी, वह पूरी तरह भ्रम आधारित थी।

खेजड़ी संरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि खेजड़ी राजस्थान का राज्य वृक्ष है। इसका संरक्षण हम सबका संकल्प होना चाहिए। विकास के नाम पर पारिस्थितिकी और पर्यावरण का विनाश नहीं होना चाहिए। जहां कहीं कटान होता है, वहां उसके बदले चार, पांच या दस गुना वृक्षारोपण होना चाहिए। यह केवल सरकार का विषय नहीं है, यह सामाजिक चेतना का विषय है। यह केवल किसी एक समाज, विशेषकर बिश्नोई समाज का विषय नहीं है, बल्कि सर्व समाज का विषय है। खेजड़ी हम सभी के लिए समान आस्था का विषय है और हम सबको मिलकर इसके संरक्षण के लिए कार्य करना होगा।

पश्चिम बंगाल के सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जिस तरह वर्तमान सरकार ने माफिया, गुंडों, मजहबी ताकतों और घुसपैठियों को संरक्षण दिया है। सरकार के संरक्षण में प्रशासन को पंगु बनाकर भय और गुंडागर्दी का माहौल खड़ा किया गया है।

उन्होंने पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि जहां तक सनातन धर्म और आस्था के स्थलों का प्रश्न है तो गुलामी के कालखंड में जो कुछ हुआ था, वह अब इस देश में दोहराया नहीं जा सकता। इस देश में कोई ऐसी ताकत नहीं है, जो सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों की आस्था को चोट पहुंचाकर ऐसी किसी कल्पना को साकार कर सके। जनता इसे नहीं स्वीकार करेगी और न बर्दाश्त करेगी।

श्री शेखावत ने कहा कि बंगलादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत सरकार पूरी तरह सजग है। यह विषय सरकार के संज्ञान में है। इस संबंध में कूटनीतिक स्तर पर स्पष्ट संदेश दिए गए हैं कि मॉब लिंचिंग और धार्मिक आधार पर उत्पीड़न स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस पर थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता है और निश्चित रूप से इसके परिणाम सामने आएंगे।

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