रायपुर , दिसंबर 26 -- छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि धान का समय पर उठाव नहीं होने के कारण सोसायटियों में भारी जाम की स्थिति बन गई है, जिससे खरीदी प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने इसे सरकार की विफलता और किसानों के हितों के खिलाफ बताते हुए कहा कि साज़िश दर साजिश रची जा रही है ताकि धान की खरीद कम से कम करनी पड़े।
श्री दीपक बैज के अनुसार प्रदेश के 2739 धान खरीदी केंद्रों में अब तक लगभग 51 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है, लेकिन इसमें से केवल 10 लाख मीट्रिक टन धान का ही उठाव किया गया है। शेष करीब 41 लाख मीट्रिक टन धान सोसायटियों में जमा पड़ा है, जिससे भंडारण के लिए जगह की भारी कमी हो गई है और कई केंद्रों में खरीदी रोकनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि धान उठाव के लिए डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) जारी नहीं किए जाने के कारण 1600 से अधिक सोसायटियों में उठाव शुरू ही नहीं हो पाया है।
सरकार को खरीदी शुरू होते ही परिवहन के अनुबंध और डीओ जारी करने चाहिए थे, लेकिन जानबूझकर देरी की गई। इससे जाम की स्थिति बनेगी और खरीदी कम होगी, यह सरकार को पहले से पता था, जिसे कांग्रेस ने सोची-समझी साजिश करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यदि धान लंबे समय तक सोसायटियों में पड़ा रहेगा तो सूखत का नुकसान भी उन्हीं को उठाना पड़ेगा। पिछले वर्षों का सूखत भुगतान भी अब तक सरकार ने जारी नहीं किया है, जिससे सोसायटियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। इसके अलावा कई सोसायटियों में धान खरीदी की लिमिट नहीं बढ़ाई गई है, जिससे किसानों का पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा। पुराने और फटे बरदाने दिए जा रहे हैं, जिससे हर बोरे में किसानों को दो से तीन किलो तक का नुकसान हो रहा है। तौल में भी प्रति बोरी एक से दो किलो अतिरिक्त लिया जा रहा है।
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