अम्बिकापुर , दिसंबर 01 -- छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था को सुव्यवस्थित, पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर विलास भोसकर लगातार औचक निरीक्षण पर हैं। इसी कड़ी में श्री भोसकर ने सोमवार को रामपुर, मेंड्राकला और पुहपुटरा स्थित धान उपार्जन केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष जायज़ा लिया। निरीक्षण के दौरान केन्द्रों में सक्रिय खरीदी प्रक्रिया, तौल व्यवस्था, बारदाना की उपलब्धता और किसानों की भागीदारी को लेकर गहन चर्चा की गई।
कलेक्टर ने केन्द्र प्रबंधकों और समिति सदस्यों से टोकन वितरण प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक तुलाई, मजदूरी भुगतान, तौल की पारदर्शिता, छोटे-सीमांत किसानों की प्राथमिकता और पंजीकृत कृषकों की वास्तविक संख्या की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बारदाना की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही भुगतान प्रक्रियाओं में किसी भी तरह की तकनीकी या प्रशासनिक बाधा न आने की हिदायत दी।
रामपुर केन्द्र में कलेक्टर ने महिला किसान जागरमति (ग्राम परसोड़ी, परसोड़ी गांव) से सीधे संवाद किया। जागरमति ने खरीदी व्यवस्था पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि वह 98 क्विंटल धान के लिए टोकन कटाकर लाई हैं और खरीदी केन्द्र में तौल, बारदाना तथा अन्य प्रबंध पूरी तरह सुचारू रूप से हो रहे हैं, जिससे किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी फसल बिना किसी देरी के तौली जा रही है और मजदूरी भुगतान को लेकर भी स्पष्टता रखी गई है।
किसानों की संतुष्टि के आधार पर कलेक्टर ने प्रबंधकों को निर्देश दिया कि व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाते हुए डिजिटल भुगतान प्रणालियों में तेजी लाई जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिले में धान खरीदी व्यवस्था किसानों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानकर संचालित की जा रही है और किसी भी केन्द्र में अव्यवस्था या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान श्री भाेसकर ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक उपार्जन केंद्र में माइक्रो एटीएम की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए, ताकि किसान सीधे केंद्र से ही नकद निकासी कर सकें और भुगतान से संबंधित समस्याओं से बचा जा सके।
कलेक्टर ने समितियों को निर्देशित किया कि खरीदी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद किसानों को बचे हुए रकबा समर्पण (क्षेत्र समर्पण) के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि खरीदी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता बनी रहे और भविष्य में किसी भी प्रकार के अवांछित विवाद से बचा जा सके।
इस दौरान खाद्य अधिकारी बी.एस.कामटे, सीसीबी नोडल अधिकारी पी.सी.गुप्ता, डीएमओ अरुण विश्वकर्मा तथा उपार्जन समितियों के प्रबंधक और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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