बेंगलुरु , अक्टूबर 07 -- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को अधिकारियों के अनुरोध तथा कई शहरी क्षेत्रों में सीमित भागीदारी के बाद राज्यव्यापी जाति-आधारित घरेलू सर्वेक्षण के विस्तार की घोषणा की।

श्री सिद्दारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लोगों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए गत 22 सितंबर से शुरू किया गया यह सर्वेक्षण आज समाप्त होने वाला था , हालांकि कुछ जिलों में सर्वेक्षण कार्य अभी भी अधूरा है। उन्होंने कहा, "पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सर्वेक्षण अवधि को बारह दिनबढ़ाने का फैसला किया है। कोप्पल में, सर्वेक्षण का 97 प्रतिशत पूरा हो गया है, जबकि दक्षिण कन्नड़ और उडुपी में केवल 63 प्रतिशत पूरा होने हुआ है। प्रदेश भर में प्रगति अपेक्षा से धीमी रही है, जिसमें कुल 1.2 लाख शिक्षक और 60,000 अन्य अधिकारी भाग ले रहे हैं।"श्री शिवकुमार ने कहा कि सर्वेक्षण ग्रेटर बेंगलुरु और अन्य क्षेत्रों में देर से शुरू हुआ था, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में केवल 20 से 30 प्रतिशत पूरा हुआ। उन्होंने कहा, "अधिकारियों ने सर्वेक्षण पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया। इसलिए, हमने अवधि बढ़ा दी है।" उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए छुट्टियां घोषित की जाएंगी ताकि कर्मचारियों की भागीदारी की सुविधा मिल सके, निजी संस्थानों और पीयूसी कॉलेजों को छोड़कर जहां परीक्षाएं चल रही हैं।

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