बेंगलुरु, सितंबर 26 -- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में जाति जनगणना का कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर सात अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।
श्री सिद्दारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सभी उपायुक्तों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को सर्वेक्षण को "बहुत गंभीरता से" लेने का निर्देश दिया गया है ताकि समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि बिना किसी विस्तार के प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली तकनीकी गड़बड़ियाँ "लगभग हल हो गई हैं तथाआज से बेंगलुरु सहित सभी जिलों में सर्वेक्षण कार्य में तेजी आएगी।
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किया गया यह सर्वेक्षण 22 सितंबर को शुरू हुआ था और इसमें लगभग 1.75 लाख गणनाकर्ता शामिल हैं जो राज्य भर में लगभग सात करोड़ लोगों को कवर करने के लिए लगभग दो करोड़ घरों का दौरा कर रहे हैं। गणनाकर्ताओं मुख्य रूप से सरकारी स्कूल के शिक्षकों को सर्वर में व्यवधान, नेटवर्क विफलता और ओटीपी जनरेशन जैसी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे डेटा संग्रह धीमा हो गया।
मुख्यमंत्री ने प्रगति की समीक्षा के लिए मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मधुसूदन आर. नाइक के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की। अधिकारियों ने बताया कि यह सर्वेक्षण 60 प्रश्नों वाली प्रश्नावली का उपयोग करके "वैज्ञानिक रूप से" किया जा रहा है और इसकी अनुमानित लागत 420 करोड़ रुपये है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कल सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन आयोग को स्वैच्छिक भागीदारी सुनिश्चित करने और एकत्रित आंकड़ों की गोपनीयता बनाए रखने का निर्देश दिया।
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