बेंगलुरु , दिसंबर 19 -- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कन्नड़ अभिनेत्री हर्षवर्धिनी रान्या राव की मां द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने सोने की तस्करी के एक मामले में विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (कोफेपोसा) के अंतर्गत उसकी हिरासत को चुनौती दी थी।
याचिका में अभिनेत्री की हिरासत को अवैध और प्रारंभ से ही अमान्य घोषित करने की मांग की गयी थी। न्यायमूर्ति अनु शिवरामन एवं न्यायमूर्ति विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद अदालत ने एक दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार को याचिका खारिज करते हुए हिरासत की वैधता को बरकरार रखा।
कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने सोने की तस्करी मामले में रान्या को गिरफ्तार किया था। यह मामला कानून प्रवर्तन विभाग द्वारा सोने के कथित अवैध आयात और व्यापार के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।
अभिनेत्री की मां ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर तर्क दिया था कि हिरासत कानूनी मानदंडों का उल्लंघन करती है एवं अनुचित है। पीठ ने दलीलों और कोफेपोसा के प्रासंगिक प्रावधानों की समीक्षा करने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।
कोफेपोसा कानून अधिकारियों को उन व्यक्तियों को हिरासत में लेने की अनुमति देता है जिन पर देश के विदेशी मुद्रा भंडार को प्रभावित करने वाली तस्करी गतिविधियों में संलिप्त होने का संदेह हो। न्यायालयों को ऐसी हिरासत की समीक्षा करने का अधिकार है लेकिन जब तक कार्रवाई स्पष्ट रूप से अवैध साबित न हो जाए वे अक्सर प्रवर्तन एजेंसियों को ही निर्णय लेने देते हैं।
यह फैसला कर्नाटक उच्च न्यायालय में चल रहे कई हाई-प्रोफाइल मामलों के बीच आया है, जिसने हाल ही में समेकित जीएसटी नोटिस और मानहानि याचिकाओं से लेकर धनशोधन विवादों और बाल हिरासत दिशानिर्देशों तक के मुद्दे शामिल हैं।
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