कपूरथला , अक्टूबर 15 -- आगामी दिवाली त्योहार के मद्देनजर, सिविल सर्जन डॉ संजीव भगत ने जनता से पर्यावरण के अनुकूल और नशामुक्त दिवाली मनाने की अपील की है। उन्होंने स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया है।

डॉ. भगत ने बुधवार को बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है, क्योंकि इसमें कई तरह के ज़हरीले रसायन होते हैं, जो श्वसन और अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं। उन्होंने लोगों से पटाखे न जलाने और इसके बजाय 'ग्रीन दिवाली' मनाकर पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी से त्योहार मनाने का आग्रह किया।

नागरिकों को स्वास्थ्यवर्धक और अधिक टिकाऊ तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, डॉ. भगत ने व्यावसायिक रूप से तैयार की गयी चीज़ों, जिनमें कृत्रिम मिलावट हो सकती है, के स्थान पर घर में बनी मिठाइयों और ताज़े फलों का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने जनता से उपहारों की पैकिंग के लिए प्लास्टिक रैपर का उपयोग न करने की भी अपील की, क्योंकि ऐसी गैर-जैवनिम्नीकरणीय सामग्री पर्यावरण प्रदूषण में योगदान करती हैं।

सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, डॉ. भगत ने बच्चों के लिए एक विशेष सलाह जारी की, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वे पटाखों से दूर रहें या अगर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वयस्कों की निगरानी में ही करें। उन्होंने आगाह किया कि त्योहारों के मौसम में पटाखों को गलत तरीके से संभालने से अक्सर दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनायें और चोटें होती हैं।

डॉ. भगत ने आम जनता से सतर्क रहने और आतिशबाजी से किसी भी तरह की चोट लगने पर तुरंत प्रभावित व्यक्ति को नज़दीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का आग्रह किया, जहां निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने लोगों से पटाखे चलाते समय सूती कपड़े पहनने और आग से संबंधित दुर्घटनाओं से बचने के लिए उच्च विस्फोटक क्षमता वाले पटाखों से दूर रहने की भी सलाह दी। उन्होंने नशामुक्त उत्सव मनाने का आह्वान दोहराया और लोगों से त्योहार के दौरान हर तरह के नशे से दूर रहने का आग्रह किया।

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