जौनपुर , दिसम्बर 29 -- ओलंपिक 2012 के कांस्य पदक विजेता एवं देश के गौरव ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने सोमवार को कहा कि सफलता का एकमात्र मार्ग कठिन परिश्रम, अनुशासन और ईमानदारी है।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के एकलव्य स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में योगेश्वर दत्त ने खिलाड़ियों से अपने माता-पिता एवं कोच का सम्मान करने का आह्वान करते हुए कहा कि जो खिलाड़ी संस्कारों और समर्पण के साथ आगे बढ़ता है, वही जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचता है। उनके विचारों ने उपस्थित खिलाड़ियों के मन में आत्मविश्वास, संकल्प और नई ऊर्जा का संचार किया।
इस अवसर पर योगेश्वर दत्त का भव्य एवं आत्मीय स्वागत विश्वविद्यालय के खेल सचिव प्रो. शेखर सिंह, डॉ. रणधीर सिंह, डॉ. राजेश सिंह (जिला मंत्री, क्रीड़ा भारती), बाबा मौर्य (जिला अध्यक्ष, क्रीडा भारती), डॉ. रामधारी, पूर्व कर्मचारी संघ के महामंत्री रमेश यादव,अलका सिंह, अशोक सोनकर, योग प्रशिक्षक जय सिंह, भानु प्रताप शर्मा, सत्येंद्र सिंह, अजय प्रताप सिंह, परशुराम, संत राज, सिकंदर एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।
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