भुवनेश्वर , अक्टूबर 01 -- ओडिशा पुलिस ने ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) की ओर से आयोजित की जाने वाली उप निरीक्षक (एसआई) परीक्षा से जुड़े भर्ती घोटाले के सिलसिले में 117 उम्मीदवारों और दो बिचौलियों सहित 119 लोगों को गिरफ्तार किया है।

ये गिरफ्तारियाँ एसआई लिखित परीक्षा के अचानक स्थगित होने के बाद हुयीं। परीक्षा पांच और छह अक्टूबर को निर्धारित थी, जिसे ओपीआरबी ने 'अप्रत्याशित कारणों' से स्थगित करना बताया है। परीक्षा की नयी तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुयी है। परीक्षा अचानक स्थगित होने की विपक्षी दलों ने आलोचना की है। कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) दोनों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर शासन की विफलता का आरोप लगाया और भर्ती प्रक्रिया की ईमानदारी पर सवाल उठाए। इन आरोपों और गड़बड़ी को देखते हुये ओडिशा सरकार ने मामले की जाँच अपराध शाखा को सौंप दी है।

बरहामपुर पुलिस ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर कल रात आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के पास तीन बसों को रोका। बताया जा रहा है कि ये बसें उम्मीदवारों को हैदराबाद ले जा रही थीं, जहाँ भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली एक निजी एजेंसी द्वारा 'विशेष कोचिंग' का प्रबंध किया गया था। इस कार्रवाई के दौरान दो कथित बिचौलियों सहित 119 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया कि प्रत्येक उम्मीदवार ने अवैध तरीकों से अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर एक बड़ी रकम का भुगतान किया था। गिरफ्तार किये गये सभी लोगों को पूछताछ के लिए लाया गया और आज अदालत में पेश किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि मामले में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं। अपराध शाखा को घोटाले की पूरी तह तक पहुँचने और इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान करने के लिए गहन जाँच करने का निर्देश दिया गया है। विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की और इसे भर्ती प्रक्रियाओं के प्रबंधन में 'व्यवस्थागत विफलता' बताया। उन्होंने कहा कि जुलाई 2025 के बाद से कदाचार और पेपर लीक के आरोपों के बीच रद्द होने वाली यह चौथी भर्ती परीक्षा है। श्री पटनायक ने पहले की घटनाओं पर का उल्लेख किया जिसमें विशेष ओटीईटी-2025 भी शामिल है, जिसे जुलाई में पेपर लीक के कारण रद्द कर दिया गया था।

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