भुवनेश्वर , अक्टूबर 11 -- ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को कहा कि संबलपुर जिले के हीराकुंड में पूर्वी भारत के पहले एकीकृत एक्वा पार्क के निर्माण के साथ ही राज्य बहुत जल्द भारत की नीली क्रांति में अग्रणी बनकर उभरेगा।
करीब एक सौ करोड़ रुपये की लागत से 95.47 एकड़ सरकारी भूमि पर विकसित हो रहे एक्वा पार्क का जनवरी 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। श्री माझी ने कहा कि यह पार्क संबलपुर को आधुनिक जलीय कृषि के उत्कृष्टता केंद्र में परिवर्तित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबलपुर के बसंतपुर में एकीकृत जलीय उद्यान की आधारशिला रखी। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत भुवनेश्वर के पंडारा में 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आधुनिक थोक मछली बाज़ार की भी आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) और दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन के राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि नयी पहल किसानों को सशक्त बनाएगी एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।
पीएमडीडीकेवाई को ओडिशा के कंधमाल, मलकानगिरी, सुंदरगढ़ और नुआपाड़ा सहित पूरे भारत के 100 जिलों में शुरू किया गया। अगले छह वर्षों में इस योजना पर 24,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय होगा जिससे देश के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
श्री माझी ने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र ओडिशा की 60 प्रतिशत से अधिक और राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 50 प्रतिशत आबादी के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत बने हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में बड़े नीतिगत सुधार किए हैं और 2025-26 के बजट में कृषि विकास के लिए 37,838 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
समृद्ध कृषक योजना के अंतर्गत, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और इनपुट सहायता के संयुक्त लाभ के रूप में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की गारंटी प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री माझी ने आशा व्यक्त किया कि पीएमडीडीकेवाई ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, किसानों की आय बढ़ाएगी एवं समावेशी कृषि विकास को बढ़ावा देगी।
भुवनेश्वर में पंडारा थोक मछली बाज़ार परियोजना की अनुमानित लागत 59.13 करोड़ रुपये है। इसे मत्स्य विभाग और भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा।
कुल लागत में से 30 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 29.13 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे। इस बाज़ार का निर्माण नवंबर 2027 तक पूरा होने का लक्ष्य है। इससे 143 व्यापारियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने, 2,000 से ज़्यादा अप्रत्यक्ष रोज़गार उत्पन्न होने और भुवनेश्वर एवं कटक की मछली की मांग पूरी होने की उम्मीद है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के. वी. सिंह देव ने कहा कि भारत चावल के मामले में पहले से ही आत्मनिर्भर है लेकिन अब किसानों की आय बढ़ाने के लिए नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन के मामले में भी आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने एक स्वस्थ राष्ट्र के लिए जैविक खेती की भी वकालत की।
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