नयी दिल्ली , दिसम्बर 01 -- भारत ने चक्रवात दित्वा से बुरी तरह प्रभावित श्रीलंका में ऑपरेशन सागर बंधु चलाकर अब तक वहां 53 टन राहत सामग्री भेजी है और विदेशी नागरिकों सहित 150 से अधिक लोगों को बचाया है तथा वहां फंसे दो हजार से अधिक भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है।
श्रीलंका में चक्रवात के कारण आई भीषण बाढ से जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ है। भारत ने मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 28 नवम्बर को ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया था।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी कर बताया कि भारत नौसेना के जहाजों और वायु सेना के विमानों से अब तक वहां 53 टन राहत सामग्री भेज चुका है जिसमें टेंट, तिरपाल, कंबल, खाद्य पदार्थ, दवाइयां और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा दो भीष्म क्यूब, पांच सदस्यीय चिकित्सा दल तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 80 सदस्यों की टीम को भी राहत कार्यों में लगाया गया है।
आईएनएस विक्रांत पर तैनात चेतक हेलीकॉप्टरों और भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाई है। इन अभियानों में गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों समेत विभिन्न देशों जैसे श्रीलंका, भारत, जर्मनी, स्लोवेनिया, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और बांग्लादेशके नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। अब तक 150 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है।
श्रीलंका में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जा रहा है। वायुसेना के विमानों और वाणिज्यिक उडानों के जरिए 2000 से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है।
भारत ने कहा है कि 'पड़ोसी प्रथम' नीति और विजन महासागर के तहत वह संकट के इस समय में श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है और बचाव तथा पुनर्वास के सभी प्रयासों में सक्रिय सहयोग देता रहेगा।
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