मैसूरू, सितंबर 26 -- सरस्वती सम्मान से सम्मानित मशहूर कन्नड़ उपन्यासकार एसएल भैरप्पा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को मैसूरू में अंतिम संस्कार किया गया। उनका बेंगलुरू में 24 सितंबर को निधन हो गया था।

श्री भैरप्पा के पार्थिव शरीर को 25 सितंबर को बेंगलुरू से मैसूर लाया गया था और कलामंदिर में रखा गया था, जहां बड़ी संख्या में प्रशंसकों, साहित्य प्रेमियों और राजनीतिक नेताओं ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, मैसूरु जिला प्रभारी मंत्री एचसी महादेवप्पा, केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री प्रहलाद जोशी, विधायक टीएस श्रीवत्स, पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा और मैसूरु जिला उपायुक्त जी. लक्ष्मीकांत रेड्डी शामिल थे।

श्री भैरप्पा का पार्थिव 26 सितंबर को शरीर कुवेम्पुनगर स्थित उनके आवास पर रखा गया, जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां से पारंपरिक रीति-रिवाजों के बाद अंतिम संस्कार यात्रा चामुंडी पहाड़ियों की तलहटी में स्थित श्मशान घाट पहुँची। जहां राज्य प्रोटोकॉल के तहत पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए हवा में तीन राउंड गोलियाँ चलायी। बाद में श्री भैरप्पा के पार्थिव शरीर पर लिपटा राष्ट्रीय ध्वज औपचारिक रूप से उतारकर उनके परिवार को सौंप दिया गया। उनका अंतिम संस्कार उनके पुत्रों रविशंकर और उदय शंकर तथा अन्य पारिवारिक सदस्यों ने किया।

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