रायपुर , नवंबर 29 -- छत्तीसगढ़ में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची में यदि किसी व्यक्ति के रक्त संबंधी का नाम दर्ज नहीं है, तो ऐसे मामलों की विस्तृत जांच की जाएगी।

श्री शर्मा ने बताया कि घर-घर बांटे जा रहे गणना पत्र 2025 की मतदाता सूची के आधार पर तैयार किए गए हैं। प्रक्रिया के अनुसार, सूची में शामिल प्रत्येक मतदाता के किसी रक्त संबंधी का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में मौजूद होना आवश्यक है।

उपमुख्यमंत्री के अनुसार, "अगर दस्तावेज़ों में यह कड़ी नहीं मिलती है, तो मामले की जांच जरूरी होगी। जांच में तथ्य सामने आने पर संबंधित व्यक्तियों पर उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।" उन्होंने संकेत दिया कि संदिग्ध मामलों में फॉरेनर्स एक्ट सहित अन्य कानूनों का परीक्षण भी किया जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि फॉरेनर्स एक्ट भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं होता, क्योंकि यह केवल विदेशी नागरिकों से संबंधित मामलों के लिए प्रावधानित है। इस कारण किसी भी भारतीय नागरिक पर इस कानून के तहत सीधी कार्रवाई संभव नहीं है।

गौरतलब है कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर प्रदेशभर में चर्चा तेज है, जबकि प्रशासन ने इसे एक नियमित सत्यापन प्रक्रिया बताया है, जिसका उद्देश्य दस्तावेज़ों और रिकॉर्ड में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

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