नयी दिल्ली , नवंबर 28 -- तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच शुक्रवार को यहां चुनाव आयोग के साथ मैराथन बैठक की और इस दौरान पुनरीक्षण कार्य में लगे कर्मियों की सुरक्षा का मुद्दा विशेष रूप से उठाया।

पार्टी के नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की टीम ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दोनों आयुक्तों -डॉ सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जारी के साथ दो घंटे की लंबी बातचीत में एसआईआर के साथ ही अन्य मुद्दों पर लंबी बातचीत की तथा एसआईआर के खिलाफ कई कड़े आरोप लगाये।

पार्टी ने एसआईआर प्रक्रिया को 'बिना योजना के किया जा रहा एक खतरनाक काम ' बताया।

श्री ओब्राय ने बैठक से निकल कर प्रतीक्षारत संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से सीधे पश्चिम बंगाल में अब तक 39 बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की मौत का मुद्दा उठाया। उनके अनुसार इन सभी बीएलाओ एसआईआर का काम करते हुए हुई।

श्री ओब्रायन ने कहा, 'हमने सीधे उनके मुंह पर बोला कि आप के हाथ खून से सने हैं।' उन्होंने कहा कि आयोग के पास तृणमूल कांग्रेस के किसी सवाल का जवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त प्रतिनिधिमंडल के सामने करीब एक घंटे तक बोले लेकिन उन बीएलओ की मौतों की जिम्मेदारी किसकी है इस पर कोई स्पष्ट बात नहीं कही।

तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनकी पार्टी सैद्धांतिक रूप से एसआईआर के विरुद्ध नहीं है लेकिन यह काम जिस तरह से किया जा रहा है वह ठीक नहीं है। उन्होंने पूरी प्रक्रिया को 'बिना योजना के' और 'बेदर्दी' के साथ किया जा रहा काम बताया और आरोप लगाया कि इससे फील्ड में जाने वाले अधिकारियों पर काम का बड़ा बोझ उत्पन्न हो गया है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह बड़ी अजीब बात है कि चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में इतनी संख्या में बीएलओ के मरने की जानकारी ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर में बहुत ज्यादा सख्ती हो जारी है और यह सब भाजपा के कहने पर किया जा रहा है।

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इसी सप्ताह मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिख कर एसआईआर प्रक्रिया में तथाकथित अनियमिततओं और बूथ स्तरीय अधिकारियों पर दबाव की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य चुनाव आयुक्त से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की थी।

इस समय पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का काम चला रहा है। इसके अलावा असम की मतददाता सूचियों की भी विशेष समीक्षा की जा रही है।

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