दंतेवाड़ा , नवंबर 26 -- चुनाव आयोग के निर्देशानुसार दंतेवाड़ा जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025-26 के अंतर्गत मतदाता सूची को अधिक मजबूत, अद्यतन और समावेशी बनाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। निर्वाचन तंत्र की जमीनी इकाई माने जाने वाले बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर गणना पत्रक वितरण, मतदाता गणना प्रपत्रों की प्राप्ति और इन प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर दक्षता और अनुशासन के साथ संपन्न किया जा रहा है।

बुधवार को जिला जनसंपर्क अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, डिजिटाइजेशन में उच्च कार्यकुशलता और उत्कृष्ट प्रदर्शन दिखाने वाले छह बीएलओ को जिला प्रशासन द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी मूलचंद चोपड़ा ने प्रशस्ति पत्र भेंट करते हुए कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता और उसके डिजिटाइज्ड स्वरूप की विश्वसनीयता लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बुनियाद होती है और बीएलओ का कार्य इसमें सबसे प्रमुख कड़ी के रूप में स्थापित है।

सम्मानित बीएलओ में पवन कुमार नेताम (मासोड़ी), कमल नारायण (दंतेवाड़ा-3), लवलेश चंद्राकर (बड़े बचेली-7), मोहन लाल साहू (कुचेपाल), हड़मा राम मरकाम (दुधीरास) और बनवाली राम ठाकुर (पेंटा) शामिल हैं, जिन्होंने गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन, डेटा प्रविष्टि की सटीकता और कार्य निष्पादन की गति के आधार पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया। अधिकारियों ने कहा कि डिजिटाइजेशन में उनका प्रदर्शन यह सिद्ध करता है कि जिले की मतदाता सूची अब पहले से अधिक त्रुटि रहित और डिजिटल रूप से सुरक्षित रूप में उभर रही है।

कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और कार्यालयीन स्टाफ की मौजूदगी में इन अधिकारियों ने यह भरोसा जताया कि जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण का अभियान निरंतर इसी गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ेगा और सभी बीएलओ निर्धारित निर्देशों का पालन करते हुए अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। अधिकारियों ने यह भी कहा कि पुनरीक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य यही है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने से वंचित न रहे और अधिक से अधिक नागरिक लोकतंत्र के पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।

प्रशासन ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि सम्मान सिर्फ किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता, अनुशासन और डेटा डिजिटाइजेशन की उस भावना का है, जो भारत जैसे विशाल लोकतंत्र को तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बना रहा है। जिले में चल रहे पुनरीक्षण कार्य में डिजिटाइजेशन की तेज़ रफ्तार और बीएलओ की सक्रिय भागीदारी को लोकतांत्रिक संस्थागत मजबूती की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

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