बड़वानी , नवम्बर 23 -- मध्यप्रदेश में बड़वानी जिला महिला अस्पताल से इंदौर रेफर की गई 29 दिन की बच्ची की मौत के मामले में परिजनों ने एम्बुलेंस की खराबी और देरी को जिम्मेदार ठहराया है।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल से निकलने में ही काफी देर हुई और धामनोद के पास एम्बुलेंस बंद हो जाने से लगभग दो घंटे का विलम्ब हो गया, जिसके कारण बच्ची को समय पर उपचार नहीं मिल सका।
तलवाड़ा डेब निवासी हरिओम कर्मा ने बताया कि पांच वर्ष बाद उनकी पत्नी ने 19 अक्टूबर को सीजेरियन ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से उसे इंदौर के एमटीएच अस्पताल रेफर किया गया। हरिओम के अनुसार एम्बुलेंस देर से पहुंची और रास्ते में खराब हो गई। उन्होंने चालक एवं स्टाफ पर दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया। दूसरी एम्बुलेंस समय पर ना मिलने के कारण उन्हें निजी वाहन से बच्ची को इंदौर ले जाना पड़ा, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
बड़वानी की सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत जिले में 38 वाहन संचालित हैं, परंतु समय पर न पहुंचने या खराब होने की शिकायतें मिलती रहती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची को जन्म के बाद से ही हृदय संबंधी समस्या थी और वह पहले एमवाय अस्पताल में भी भर्ती रही थी। इस मामले की जानकारी उन्होंने आज जिला कलेक्टर को दी है।
जिला कलेक्टर जयति सिंह ने घटना को गंभीर मानते हुए नेशनल हेल्थ मिशन की प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर कठोर कार्रवाई एवं वेंडर बदलने की अनुशंसा की है। संबंधित कंपनी के अधिकारियों को स्पष्टीकरण हेतु बड़वानी बुलाया गया है।
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