देहरादून , नवम्बर 25 -- उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चतुर्थ 'सफेद कोट समारोह' के दौरान मंगलवार को एमबीबीएस (सत्रवर्ष 2025-26) बैच के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने चिकित्सीय पेशे की शपथ ली।
इस दौरान स्टूडेंट अल्मनैक और क्लाइमेट न्यूज लेटर और जर्नल ऑफ मेडिकल एजुकेशन- ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (जेएमई-बीएमजे) कैलेंडर का भी विमोचन किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि ऋषिकेश एम्स के अध्यक्ष और देश के जाने-माने ऑर्थो सर्जन प्रो. (डाॅ.) राज बहादुर ने कहा कि चिकित्सीय पेशे में एक अच्छा डाॅक्टर बनने के लिए रोगी की समस्या को गंभीरता से सुनने की की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक डाॅक्टर का यह ध्येय होना चाहिए कि वह रोगियों का कष्ट दूर करने में अपने अनुभव का उपयोग करे। उन्होंने कहा कि अगले साढ़े चार साल तक चिकित्सीय शिक्षा ग्रहण करने के बाद इस अनुभव को सेवाभाव के साथ रोगियों की सेवा में लगाया जाना जरूरी है। अनुभव की यह शक्ति देश की उन्नति में सार्थक होगी।
प्रो. राजबहादुर ने कहा कि एक कुशल और निपुण डाॅक्टर में रोगी की समस्या को ढंग से सुनने और समझने की आदत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक डाॅक्टर के मन में यह कामना होनी चाहिए कि वह रोगी व्यक्ति का कष्ट हरने में अपनी शक्ति और अनुभव का उपयोग करे।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने एमबीबीएस नए सत्र के छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कहा कि देश-दुनिया के लिए चिकित्सा, अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करते रहना ही 'सफेद कोट' की पहचान है। संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि विश्व को रोग रहित बनाना एम्स ऋषिकेश का उद्देश्य है और हम अनुसंधान कार्यों को आगे बढ़ाते हुए इस दिशा में तेजी से काम रहे हैं।
डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने उम्मीद जतायी कि सभी छात्र डाॅक्टर बनकर भविष्य में सेवाभाव से देश की उन्नति के लिए काम करेंगे। समारोह को पीजीआईएमआर चण्डीगढ़ के पूर्व निदेशक प्रो. योगेश चावला, सिंगापुर जनरल हाॅस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट प्रोफे. प्रेमा राज जेयाज और सेन्टर फाॅर लीवर एण्ड बिलएरी साईंस, मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल साकेत' के चेयरमैन प्रो. सुभाष गुप्ता आदि ने भी संबोधित किया। न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की डाॅ. वंदना धींगरा के संचालन में आयोजित समारोह में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू, डीन एग्जामिनेशन प्रो. प्रशांत पाटिल, प्रो. प्रतिमा गुप्ता, प्रो. सौरभ वार्ष्णेय, प्रो. संजीव कुमार मित्तल, प्रो. लतिका मोहन सहित विभिन्न विभागों के एचओडी, फेकल्टी सदस्य, प्रशासनिक अधिकारीगण, स्टाफ और मेडिकल के स्टूडेन्ट्स मौजूद रहे।
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