नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को विभिन्न विद्यालयी शिक्षा बोर्डों द्वारा प्रदान किए गए माध्यमिक (कक्षा 10वीं) और उच्चतर माध्यमिक (कक्षा 12वीं) प्रमाणपत्रों को समकक्षता प्रदान करने की ज़िम्मेदारी सौंपी है।

यह ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के प्रवेश और रोज़गार के उद्देश्य से निभाई जाएगी।

शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा 6 सितंबर को ई-गजट में अधिसूचना प्रकाशित की गई है। यह अधिसूचना 15 नवंबर 2021 की पूर्व अधिसूचना का स्थान लेगी जिसमें भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) को यह दायित्व सौंपा गया था। एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्थापित राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, समग्र विकास हेतु कार्य-निष्पादन मूल्यांकन, समीक्षा एवं ज्ञान विश्लेषण (परख) के माध्यम से इस दायित्व का निर्वहन करेगा।

मंत्रालय ने कहा कि एनसीईआरटी राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, प्रदर्शन मूल्यांकन, समग्र विकास के लिए ज्ञान की समीक्षा और विश्लेषण (परख) के माध्यम से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेगा, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार स्थापित किया गया है। यह संस्थागत तंत्र यह सुनिश्चित करेगा कि समकक्षता निर्धारण एक मजबूत और अकादमिक रूप से कठोर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए जो उच्चतम शैक्षिक मानकों को बनाए रखे।

अधिसूचना यह सुनिश्चित करती है कि एनसीईआरटी द्वारा प्रदान की गई समतुल्यता स्वतः ही भारत के सभी बोर्डों के बीच अंतर-समता मानी जाएगी, जिससे अंतर-विद्यालय शिक्षा बोर्डों के बीच सुचारू स्थानांतरण संभव होगा।

एनसीईआरटी द्वारा दी गई समतुल्यता अखिल भारतीय स्तर पर मान्य होगी और इससे स्कूल बोर्डों के बीच स्वचालित रूप से समानता आएगी, जिससे देश भर के छात्रों के लिए अंतर-स्कूल शिक्षा बोर्ड स्थानांतरण में सुविधा होगी।

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