चंडीगढ़ , नवंबर 30 -- ) हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने कहा कि एनआईटी कुरुक्षेत्र भारत के शोध और नवाचार इकोसिस्टम में एक प्रमुख स्तंभ के रूप में तेज़ी से उभर रहा है और आने वाले समय में संस्थान नई उपलब्धियाँ हासिल करेगा।
वे रविवार को आयोजित 20वें दीक्षांत समारोह में स्नातक और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने कहा कि नव स्नातकों की उपलब्धियाँ विकसित भारत 2047 के व्यापक विजन से प्रेरित हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार शिक्षा सुधार, डिजिटल गवर्नेंस, औद्योगिक साझेदारी और ग्रामीण विकास को लेकर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि एनआईटी कुरुक्षेत्र ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय शैक्षणिक प्रगति की है और वर्तमान में 15 स्नातक तथा 28 स्नातकोत्तर कार्यक्रम संचालित कर रहा है, जिनमें 17 एम.टेक, चार एम.एससी, एमबीए, एमसीए और इंटीग्रेटेड बी.टेक एम.टेक कार्यक्रम शामिल हैं।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह केवल डिग्री प्राप्ति तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज और राष्ट्रहित में ज्ञान का उपयोग करने का संकल्प होना चाहिए। उन्होंने युवाओं को आजीवन सीखने और समावेशी, सतत भारत के निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।
इस अवसर समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बदलते युग की चुनौतियों का समाधान नवाचार से ही संभव है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज की समस्याओं को सरल बनाने में करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल नौकरी का लक्ष्य न रखते हुए रोजगार सृजक, समाधानकर्ता और नवाचार के अग्रदूत बनना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी संस्थान के इतिहास में महत्वपूर्ण पड़ाव होता है और यह विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा तय करता है।
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