नयी दिल्ली , दिसंबर 23 -- दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक कड़ा पत्र लिखकर उन पर वायु प्रदूषण के मुद्दे पर "दोहरा रुख", लंबे समय तक उपेक्षा और आपराधिक निष्क्रियता का आरोप लगाया है और राजधानी में वर्तमान आपातकाल जैसी स्थिति के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार के 11 साल के कार्यकाल को जिम्मेदार ठहराया है।

पत्र में श्री सक्सेना ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान वायु प्रदूषण के प्रति घोर उदासीनता दिखाई और एक निजी बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को कमतर आंका था और कहा था कि यह एक मौसमी घटना है जो साल में केवल कुछ दिनों के लिए ही ध्यानाकर्षित करती है। उपराज्यपाल ने लिखा कि उन्हें कहा गया था कि इस मामले को ज्यादा महत्व न दें क्योंकि मीडिया, कार्यकर्ता और अदालतें अंततः इसे भूल जाएंगी।

श्री सक्सेना ने कहा कि केजरीवाल और उनकी सरकार की 11 वर्षी की उपेक्षा एवं निष्क्रियता ने दिल्ली को गंभीर वायु प्रदूषण संकट में धकेल दिया है। उन्होंने दावा किया कि उपराज्यपाल के रूप में अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने केजरीवाल की शासन शैली को करीब से देखा और आरोप लगाया कि वे लगभग 10 महीने से सत्ता में मौजूद नयी सरकार को मामूली राजनीतिक लाभ के लिए अनावश्यक रूप से उलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि वे अपनी चिंताओं को सीधे तौर पर व्यक्त कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं कर सके क्योंकि केजरीवाल ने कथित रूप से चुनावी हार के बाद उनसे मिलना बंद कर दिया और उनका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। श्री सक्सेना ने आत्मनिरीक्षण और आवश्यकता पड़ने पर संवाद करने का साहस रखने का आग्रह किया।

श्री सक्सेना ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने फैसले से सबक लेने से इनकार कर दिया है और वे लगातार छोटी राजनीति में लिप्त हैं तथा दिल्ली की जनता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर झूठे दावे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनिच्छा के बावजूद वे यह पत्र लिख रहे हैं ताकि केजरीवाल द्वारा फैलाई गई गलत जन धारणा का खंडन कर सकें और लोकतंत्र में अंतिम निर्णय जनता पर छोड़ सकें।

पत्र में, उपराज्यपाल ने आप सरकार के कार्यकाल से जुड़ी कई पुरानी समस्याओं का उल्लेख किया, जिनमें गड्ढे वाली सड़कें, उफनते सीवर, जाम नाले, कूड़े के ढेर और प्रदूषित हवा शामिल हैं, जो उनके अनुसार पिछली सरकार की पहचान बन गई थीं। उन्होंने कहा कि नव निर्वाचित सरकार अब इन लंबे समय से लंबित समस्याओं के समाधान के लिए काम कर रही है।

उपराज्यपाल ने यह भी आरोप लगाया कि आप सरकार विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश करने में विफल रही, शौचालयों को कक्षा बताकर 500 नए स्कूल बनाने के अपने वादे से मुकर गई और एक दशक में एक भी नया अस्पताल शुरू नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए धनराशि देने से इनकार कर दिया गया, जबकि हजारों करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किए गए।

श्री सक्सेना ने केजरीवाल सरकार पर केंद्र द्वारा वित्तपोषित कई अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में देरी करने का आरोप लगाते हुए अपना पत्र समाप्त किया, जिनमें एम्स और आईआईटी का विस्तार, मेट्रो कॉरिडोर, यूईआर, जीपीआरए कॉलोनियां और आरआरटीएस शामिल हैं और दावा किया कि इन देरी से दिल्ली के विकास एवं जीवन गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित