उदयपुर , दिसम्बर 22 -- राजस्थान के उदयपुर में अध्यात्म संत आचार्य वसंत विजयानन्द गिरीजी के सानिध्य में नौ दिवसीय महालक्ष्मी पूजा विराट महोत्सव का आयोजन 28 दिसम्बर से किया जाएगा।

महोत्सव आयोजन समिति के उपाध्यक्ष शंकेश जैन ने सोमवार को यहां पत्रकारों को बताया कि कृष्णगिरी पीठाधीश्वर विजयानन्द गिरीजी महाराज द्वारा देश ही नहीं अपितु विश्व में भारत की पुरातन सिद्ध परम्परा, सभ्यता और संस्कृति की पताका फहराई है और इस दिशा में वे सतत अग्रसर हैं। गुरुदेव द्वारा स्थापित श्री पाश्र्व पद्मावती शक्तिपीठ कृष्णगिरी तीर्थ में जनकल्याण के लिए कई विराट महोत्सवों का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों की भव्यता और प्रमाणिकता के कारण उनका नाम नौ बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में और 600 से अधिक बार विभिन्न विश्व रिकॉर्ड्स में दर्ज है जो अपने आप में उपलब्धियों का भी विश्व रिकार्ड है।

श्री जैन ने बताया कि पांच जनवरी तक चलने वाले इस महायज्ञ में हजारों प्रकार के मेवे, प्राकृतिक औषधियों के साथ ही कुमकुम की एक करोड़ आहुतियों के साथ महालक्ष्मी, धनलक्ष्मी की आराधना पूजा, विधि विधान से होगी। काशी के 135 विद्वान पंडितों के मुखारविंद से मंत्रोच्चार के साथ यह सिद्ध महायज्ञ होगा। इसमें 1008 दिव्य अष्टलक्ष्मी कलश करोड़ आहुतियों से सिद्ध किये जायेंगे।

महोत्सव में इन सभी आयोजनों के अलावा प्रतिदिन शाम पां बजे से रात्रि नौ बजे तक समस्त आगंतुक श्रद्धालु भक्तों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था रहेगी। भजन संध्या की प्रतिदिन होने वाली श्रंखला में प्रसिद्ध कलाकार दलेर मेहंदी, लखबीर सिंह लक्खा, ड्रमर शिवा मणि, कीर्तिदान गढ़वी जैसे विश्व विख्यात कलाकार मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां देंगे।

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