उदयपुर , दिसम्बर 26 -- राजस्थान के उदयपुर में स्वयंसेवी संस्था 'मां माय एंकर फाउण्डेशन' ने सातवें उदयपुर टेल्स अंतरराष्ट्रीय कहानी वाचन महोत्सव से पूर्व शुक्रवार को उदयपुर केन्द्रीय जेल मे कैदियों के लिये कहानी वाचन कार्यक्रम आयोजित किया।

इस पहल में जेल के कैदियों को एक संरचित कहानी सुनाने के कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला, जिसका उद्देश्य मौखिक कहानी सुनाने की परंपरा के माध्यम से रचनात्मक अभिव्यक्ति, भावनात्मक चिंतन और आत्मविश्वास का निर्माण करना था।

फाउण्डेशन की संस्थापक सुष्मिता सिंघा ने बताया कि मानवीय और सार्थक सांस्कृतिक रूप में प्रस्तुत किये गये इस कार्यक्रम ने कैदियों को लचीलेपन, परिवर्तन, आशा और जीवन के अनुभवों से प्रेरित व्यक्तिगत कहानियां साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। सत्र में उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गयी, जो उदयपुर टेल्स के समावेशी लोकाचार को दर्शाती है, जिसके तहत कहानी सुनाने को पारंपरिक स्थानों से परे ले जाया जाता है और जेल प्रणाली के भीतर के लोगों सहित हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाजों को बुलंद किया जाता है।

संस्था के संस्थापक सलिल भंडारी ने बताया कि केन्द्रीय कारागृह में आयोजित यह कहानी सुनाने की प्रतियोगिता समावेशिता, सामाजिक प्रभाव और कहानियों की परिवर्तनकारी शक्ति के प्रति उदयपुर टेल्स की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो इस विश्वास को पुष्ट करती है कि किसी भी परिस्थिति में प्रत्येक व्यक्ति के पास आमजन को सुनाने योग्य एक कहानी होती है जो दूसरों को प्रेरणा देती है।

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